नई दिल्ली। केंद्रीय बजट 2022-23 पर अपनी बात रखते हुए ऊषा इंटरनेशनल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिनेश छाबड़ा ने कहा, "जीडीपी संख्या में वृद्धि और राजकोषीय घाटे को वादा की गई सीमाओं के भीतर रखना इस तथ्य की तरफ इशारा करता है कि संकट के इस समय के दौरान सरकार ने अर्थव्यवस्था को अच्छी तरह से संचालित किया है और इन्हीं प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए केंद्रीय बजट 2022-23 ने देश के आर्थिक सुधार और विकास के लिए कुछ मजबूत स्तंभों की पेशकश की है।
डिजिटल करेंसी का निर्माण, 5जी इंटरनेट सेवाओं पर बड़ा दांव, ई-पासपोर्ट, ग्रामीण क्षेत्रों के कौशल सुधार के लिए डिजिटल संसाधनों सहित डिजिटलीकरण पर जोर के अलावा कई पहलों की घोषणा सरकार की तरफ से कैपिटल बजट में की गई बढ़ोतरी के अनुरूप है। इससे लंबे समय में देश के सामाजिक-आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने की दिशा में मदद मिलेगी। इसके अलावा, स्टील स्क्रैप पर सीमा शुल्क छूट को एक वर्ष तक बढ़ाने से नए व्यवसायों और एमएसएमई को प्रोत्साहन मिलेगा। धारणा के विपरीत सरकार ने अल्पकालिक चुनावी लाभ लाने के लिए बजट नहीं बनाया है, बल्कि यह बजट "भारत 100" का भविष्य लिखने का इरादा रखता है।
हम ऊषा में कॉरपोरेट सरचार्ज के संबंध में घोषित छूट का तहे दिल से स्वागत करते हैं, जो पहले 12% से घटकर अब 7% हो चुका है। करदाताओं को एक विस्तारित अवधि के लिए अपडेटेड आयकर रिटर्न दाखिल करने की अनुमति देने के सरकार के प्रावधान की भी सराहना की जानी चाहिए। इस साल के बजट ने भारतीय किसानों को उनके बैंक खातों में सीधे एमएसपी के हस्तांतरण, फसल निरीक्षण के लिए किसान ड्रोन की अनुमति आदि की घोषणा के साथ एक बहुत ही आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान किया है। ये पहल किसान और ग्रामीण आय बढ़ाने में फायदेमंद साबित होगी। हमें विश्वास है कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट आवंटन भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को बहुत जरूरी बढ़ावा देगा। यह बजट स्पष्ट रूप से महामारी प्रेरित दुष्प्रभाव से अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार की सरकार की मंशा को दर्शाता है।