हिंदगी हिंदी है जिंदगी द्वारा वैश्विक स्तर पर कवि सम्मेलन

हिंदी  संस्कृति का उत्सव है 

हिंदी संस्कारो का उद्भव है 

हिंदी देशप्रेम की मिसाल है 

हिंदी जागरण की मशाल है 

हिंदी हेतु है उत्थान का 

हिंदी सेतु है निर्माण का 

आओ मिल हिंदी सशक्त बनाये 

विश्व हिंदी दिवस मनाये। 

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जयपुर। विश्व हिंदी दिवस पर अंतर्राष्ट्रीय हिंदी संस्थान हिंदगी हिंदी है जिंदगी द्वारा वैश्विक स्तर पर अभिव्यक्ति विश्व कवि सम्मेलन का आयोजन किया। हिंदगी के संस्थापक डॉक्टर ऋषि शर्मा ने बताया कि इस कार्यक्रम में आभासी पटल के माध्यम से देश विदेश से पूर्णिमा सिंह, यशोधरा भटनागर, देवास मध्य प्रदेश से,. डॉ संगीता शर्मा, मोहिनी गुप्ता, डॉ. सुमन शर्मा, डॉ. विनोद प्रसून दिल्ली से, अनुपम रमेश किंगर, ओमान से, नाज़नीन अली, कुवैत से, डॉ. अलका अग्रवाल, सुषमा रजनीश बॉम्बे से, रेनू शब्दमुखर जयपुर से, त्रिलोकनाथ पाण्डेय, कोलकाता से, मोनिका शर्मा, डॉ. सुभाष नौहवार, दोहा कतर से जुड़े व अपनी सुंदर व मोहक शैली में अपनी कविताएँ प्रस्तुत की।

कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि अभिव्यक्ति विश्व कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में सुप्रसिद्ध बाल साहित्यकार डॉक्टर मंजरी शुक्ला जुड़ी व इस सुंदर परिकल्पना को हिंदी के प्रचार प्रसार में अतुलनीय योगदान बताया। हिंदगी के अध्यक्ष डॉक्टर विनोद प्रसून ने बताया कि हिंदगी के द्वारा हिंदी व साहित्य को प्रोत्साहन देने के लिए कई कार्यक्रमो का आयोजन किया जाता रहा है। इसी श्रृंखला में अभिव्यक्ति विश्व कवि सम्मेलन का काव्यात्मक संचालन जयपुर से विजय लक्ष्मी जाँगिड़ विजया ने किया। 

हिंदगी के ही तकनीकी सहयोगी त्रिलोकनाथ पांडेय जी ने इस अवसर पर कहा कि हिंदगी ने बहुत ही अल्प समय मे हिंदी सेवा की मिसाल कायम की है।

विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में सभी से अपने अपने हिस्से का हिंदी सेवी बनकर देश सेवा के संकल्प को दोहराने का आग्रह किया।