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जयपुर। एमएल मेहता मेमोरियल फाउंडेशन (एमएलएमएमएफ) और हरीश चंद्र माथुर राजस्थान स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (एचसीएम आरआईपीए), जयपुर की ओर से कल जयपुर में 7 वां एमएल मेहता स्मृति व्याख्यान आयोजित किया गया। इस व्याख्यानमाला का आयोजन राजस्थान सरकार के पूर्व मुख्य सचिव एम एल मेहता की स्मृति में किया जाता है। इस आयोजन को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तौर पर हाइब्रिड तरीके से आयोजित किया गया । इस बार व्याख्यानमाला विषय था- ‘शासन और जीवन में संवेदनशीलता’। इस विषय पर सेबी के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर डीआर मेहता ने व्याख्यान दिया।
एम. एल. मेहता के पूर्व सहयोगी रहे डी.आर. मेहता ने एम. एल. मेहता की संवेदनशीलता के अनेक उदाहरण अपने व्याख्यान में दिए और कहा कि राज्य सरकार की नीतियों, विशेष रूप से अंत्योदय योजना में उनकी इस संवेदनशीलता को अत्यंत प्रभावी रूप से देखा जा सकता है। यह एक ऐसी योजना रही, जिसमें पंक्ति में आखिरी छोर पर खड़े शख्स की बेहतरी के प्रयास किए गए और इस तरह हाशिए पर खड़े लाखों लोगों को लाभान्वित किया गया।
डी आर मेहता ने वर्तमान दौर में सिविल सेवा कर्मचारियों की स्थिति का जिक्र करते हुए कहां कि भ्रष्टाचार सहित कई मामलों को लेकर उनके खिलाफ माहौल है, लेकिन सभी नकारात्मक घटनाओं के बावजूद एक रचनात्मक प्रवृत्ति देखी जा सकती है। उन्होंने कहा, लोकतंत्र और समाजवाद के बीच गहरा संबंध है। सरकारी कर्मचारी संवेदनशील हों या नहीं, लोकतांत्रिक प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि नीतियां संवेदनशील, लोगों के अनुकूल और लाभकारी हों। संवेदनशील शासन के अनेक उदाहरण हैं, जिनमें सार्वभौमिक शिक्षा, सार्वभौमिक स्वास्थ्य से संबंधित अभियान, महात्मा गांधी नरेगा योजना, पेंशन, सब्सिडी और दिव्यांगों की सहायता जैसे कार्यक्रम भी शामिल हैं। सम्मान से जीने के मौलिक अधिकार की सुप्रीम कोर्ट की व्याख्या ने इस आंदोलन को बढ़ावा दिया है। आज सकारात्मक, सहानुभूतिपूर्ण और सभ्य शासन का उदय एक व्यापक घटना है, और जैसे-जैसे समय बीतता जाएगा, यह प्रक्रिया और अधिक गति के साथ बढ़ती जाएगी। श्री ने सार्वजनिक नीति, जिम्मेदार शासन, शैक्षिक पहुंच में वृद्धि, और महत्वपूर्ण सरकारी कार्यक्रमों के सामाजिक प्रभाव के आकलन पर जोर दिया।
डॉ. अशोक अग्रवाल ने व्याख्यान की अध्यक्षता की और कार्यक्रम का आयोजन फाउंडेशन की मैनेजिंग ट्रस्टी प्रो. रश्मि जैन ने किया। इस अवसर पर मेहता के सहयोगियों, परिवार और दोस्तों सहित अनेक गणमान्य लोगों ने भाग लिया।
स्वर्गीय एम एल मेहता की स्मृति में प्रतिवर्ष व्याख्यानमाला का आयोजन किया जाता है। एम एल मेहता एक उत्कृष्ट प्रशासक के रूप में पहचाने जाते थे। भारत के प्रमुख प्रशिक्षण संस्थानों में से एक एचसीएम आरआईपीए के पुनरुद्धार और पुनरुत्थान के उनके प्रयासों के साथ-साथ हाशिए पर रहने वालों के प्रति उनकी उदारता और संवेदनशील प्रकृति को हमेशा याद किया जाएगा।