अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस मनाने के लिए एमवे इंडिया ने सक्षम के साथ हाथ मिलाया

अपनी तरह की अनूठी किताब 'टैक्टाइल साइंस प्राइमर' का विमोचन भी किया

पुस्तक भोजन और पोषण पर ध्यान केंद्रित करते हुए 'विज्ञान को सीखने' के उद्देश्य से ब्रेल टेक्स्ट के साथ स्पर्शनीय आरेखों का एक व्यापक संकलन है

दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता पर एक वेबिनार का आयोजन भी किया गया। 

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नई दिल्ली। दृष्टिबाधित लोगों के लिए एक उज्ज्वल और अधिक समावेशी भविष्य बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करते हुए देश की अग्रणी एफएमसीजी डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों में से एक एमवे इंडिया ने 'टैक्टाइल साइंस प्राइमर' पुस्तक को लॉन्च किया। यह पहल भोजन और पोषण पर ध्यान केंद्रित करते हुए 'विज्ञान को सीखने'पर आधारित स्पर्शनीय आरेखों का एक अनूठा व व्यापक संग्रह पेश करती है। पुस्तक का विमोचन एमवे इंडिया और इसके एनजीओ पार्टनर सक्षम के बीच एक संयुक्त पहल के हिस्से के रूप में किया गया, जो अलग-अलग तरह के दिव्यांगों और दृष्टिबाधित व्यक्तियों को सीखने व आगे बढ़ने के अवसर प्रदान करने के लिए साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

अंतर्राष्ट्रीय  दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच पर एक वेबिनार का आयोजन भी किया गया। वेबिनार में 'टैक्टाइल साइंस प्राइमर'पुस्तक का विमोचननीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद कुमार पॉल, जो नीति आयोग में स्वास्थ्य, पोषण और एचआरडी वर्टिकल का नेतृत्व करते हैं, के साथ एमवे इंडिया में कॉर्पोरेट अफेयर्स के वाइस-प्रेजिडेंट रजत बनर्जी और सह-संस्थापक दीपेंद्र मनोचा, सक्षमके द्वारा किया गया।

एक हालिया सर्वेक्षण से पता चला है कि भारत में 16-17 वर्ष के आयु वर्ग के 80% से अधिक छात्र एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) करियर में रुचि रखते हैं। इस पहल के माध्यम से एमवे इंडिया ने दृष्टिबाधित बच्चों की शिक्षा में समावेशिता को बढ़ावा दिया है और शुरुआती वर्षों में उनकी विज्ञान संबंधी योग्यता को मजबूत करने के लिए उन्हें एक मंच प्रदान किया है। प्राथमिक विद्यालय के छात्रों को लक्षित करते हुए 'टैक्टाइल साइंस प्राइमर' पुस्तक विज्ञान पर 150 से अधिक स्पर्शनीय ग्राफिक्स आरेखों का एक संग्रह है, जो मानव शरीर, भोजन व पोषण, पौधों, जानवरों और पर्यावरण जैसे विषयों को कवर करता है। ये आरेख छात्रों को अवधारणाओं को तेजी से समझने, उनके ज्ञान के स्तर में वृद्धि करने और भविष्य में एसटीईएम शिक्षा हासिल करने में उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने में सहायता करेंगे।

लॉन्च के बारे में बोलते हुए एमवे के सीनियर वाइस-प्रेजिडेंट, नॉर्थ एंड साउथ रीजन गुरशरण चीमा ने कहा, दुनिया भर में लगभग 24 करोड़ विकलांग बच्चे हैं। हर दस विकलांग बच्चों में से एक बच्चा स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा सहित कल्याण के कई संकेतकों में अभाव का अनुभव कर रहा है। सामान्य परिस्थितियों में भी विकलांग लोगों की स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, रोजगार और सामुदायिक भागीदारी तक पहुंच की संभावना कम होती है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे पीछे न रहें, एमवे में हम सक्षम के साथ मिलकर दृष्टिबाधित समुदाय को लक्षित करके एक समावेशी 'सभी के लिए भविष्य' सोच को मूर्त रूप देने के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इस  पुस्तक के लॉन्च के माध्यम से हम दृष्टिबाधित छात्रों के लिए मानव शरीर, स्वास्थ्य और पोषण जैसे विषयों के साथ विज्ञान सीखने के लिए आवश्यक स्पर्शनीय आरेखों का एक अनूठा व व्यापक संकलन पेश कर रहे हैं। लोगों को बेहतर और स्वस्थ जीवन जीने में मदद करने के हमारे दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए हम अपने एनजीओ पार्टनर सक्षम के अत्यंत आभारी हैं।

इस अवसर पर बोलते हुए सह-संस्थापक दीपेंद्र मनोचा, सक्षमने कहा, स्वास्थ्य सेवाओं और बुनियादी ढांचे तक पहुंच महामारी के मद्देनजर सबसे आवश्यक मुद्दों में से एक बन गई है और हमारे जीवित रहने की संभावनाओं से जुड़ी हुई है। सरकार न केवल उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए, बल्कि आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए इसकी सामर्थ्य को भी सुनिश्चित करने के लिए बहुत कुछ कर रही है। दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सेवाओं और बुनियादी ढांचे में उचित अवसर प्रदान करना अत्यंत आवश्यक है। यह आयोजन इस प्रक्रिया में नीति निर्माताओं की सहायता के लिए कमियों और संभावित समाधानों की पहचान करने के लिए है।

पुस्तक को भारत में शिक्षा में विकलांगता समावेशन प्रयासों को मजबूत करने के प्रयास के एक भाग के रूप में विकसित किया गया है। इस तरह की पहल से दृष्टिबाधित छात्रों को ज्ञान की कमी और शिक्षक प्रशिक्षण कौशल व संसाधनों की अनुपलब्धता या अपर्याप्तता के कारण एसटीईएम विषयों का चयन करने में आने वाली जटिल चुनौतियों को कम करने में मदद मिलेगी। भारत और अन्य देशों के छात्र स्कूल या शिक्षा बोर्ड की परवाह किए बिना इस पुस्तक का उपयोग कर सकेंगे। दृष्टिबाधित लोगों के लिए एमवे की राष्ट्रीय परियोजना के लाभार्थियों के लिए पुस्तकों की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एमवे के 15 सहयोगी गैर-सरकारी संगठनों में से प्रत्येक को पुस्तकों की प्रतियां भी उपलब्ध कराई जा रही हैं।

उल्लेखनीय है कि अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस 1992 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव 47/3 द्वारा पारित किया गया था, जिसका उद्देश्य समाज और विकास के सभी क्षेत्रों में विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों और कल्याण को बढ़ावा देना और जीवन के हर पहलू - राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक में दिव्यांग व्यक्तियों की स्थिति के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।