कलाकारों ने सीखा ‘जूट मैक्रमै‘ शिल्पकला से तोरण बनाना

- सेलिब्रेटिंग इंडिया एट 75 के तहत आयोजित

- आर्टिस्ट कम्यूनिटी ‘द सर्किल‘ के लिये निःशुल्क

- रूफटॉप ऐप पर जुडे देश भर से कलाकार

- अहमदाबाद-गुजरात की युवा कलाकार वैशाली मेहता ने किया वर्कशॉप का संचालन

- गोवा की प्रसिद्ध ऐथनिक क्राफ्ट ‘जूट मैक्रमै तोरण‘ पर वर्कशॉप का आयोजन

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जयपुर।  भारत एवं राजस्थान की आर्टिस्ट कम्यूनिटी ‘द सर्किल‘ के लिये गुरूवार को गोवा की प्रसिद्ध ‘जूट मैक्रमै‘ शिल्पकला का निःशुल्क आयोजन रूफटॉप ऐप पर किया गया। आजादी का अमृत महोत्सव - सेलिब्रेटिंग इंडिया एट 75 के तहत राजस्थान स्टूडियो की सहायता से आयोजित इस वर्कशॉप में अहमदाबाद-गुजरात की युवा कलाकार वैशाली मेहता ने कलाकारों को ‘जूट मैक्रमै तोरण‘ बनाना सिखाया।

वर्कशॉप के दौरान वैशाली ने जूट की 4 फीट की मैन कॉर्ड ले कर इस पर ढाई-ढाई फीट की 8 कॉर्डस् को लार्क हैड नॉटस से बांध दिया। इसके बाद उन्होंने स्क्वायर नॉटस् और डबल हिंज नॉटस् का उपयोग करते हुए तोरण की डिजाइन को पूरा किया। 

वर्कशॉप के दौरान वैशाली ने बताया कि गोवा की अन्य आर्ट की भांति ‘जूट मैक्रमै‘ क्राफ्ट पोर्तुगीज एवं इंडियन कल्चर के संगम को प्रदर्शित करता है। गोवा में कलाकार मैक्रमै बनाने में जूट का उपयोग करते हैं। सर्वप्रथम जूट को एक मोटी रस्सी के रूप में बुना जाता है और फिर इसे डिजाइन पैटर्न के अनुसार बुना जाता है। 

कलाकार ने आगे बताया कि मैक्रमै क्राफ्ट के उपयोग से सजावटी बैग, बेल्ट, वॉल हैंगिंग, लैंपशेड, फ्लावरपॉट और हैंगर, आदि प्रोडक्टस् बनाये जाते हैं। पर्यटन स्थल होने के कारण गोवा में ये प्रोडक्ट सोवेनियर का कार्य भी करते हैं। क्रिसमस सेलिब्रेशन के दौरान गोवा की सड़कों को जूट मैक्रमै से डेकोरेट भी किया जाता है।