राष्ट्रीय लोकदल के प्रतिनिधि मंडल ने की राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाक़ात

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जयपुर। राष्ट्रीय लोकदल के एक विशेष प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश के महामहिम राज्यपाल कलराज मिश्र से उक्त किसानों एवं प्रदेश के मुद्दों को लेकर एक सौहार्द पूर्ण मुलाक़ात की जिसमे प्रदेश प्रवक्ता एवं महासचिव पीयूष शर्मा, हरमन राम ( प्रदेश महासचिव ), भीम सिंह कासनिया ( प्रदेश महासचिव) एवं हरीश तेली, विशेष रूप से उपस्थित रहे। पार्टी की तरफ से प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल महोदय को राम दरबार की मूर्ति भेंट की।

इस मुलाक़ात की जानकारी देते हुए प्रदेश प्रवक्ता पीयूष शर्मा ने बताया कि यह किसी तरह की राजनीतिक मुलाक़ात नहीं थी, पार्टी द्वारा नए महासचिव की नियुक्ति की गई थी, उसी क्रम में आज हम सभी तीनो महासचिव एक परिचय हेतु, और राजस्थान मे किसानों की दशा और दिशा को लेकर माननीय राज्यपाल जी से मुलाक़ात हुई। इस विषय पर उनका मार्गदर्शन और आशीर्वाद भी प्राप्त हुआ, और उन्होंने कहा भी की जनहित के मुद्दे सरकार के समक्ष रखने पर त्वरित समाधान होगा वो किसानों की समस्या हो या जनमानस की।

आमतौर पर ऐसा लगता है कि राजस्थान की अर्थव्यवस्था सिर्फ पर्यटन पर आधारित है, लेकिन ऐसा नहीं है क्षेत्रफल के लिहाज से सबसे बड़े राज्य राजस्थान की अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान 25.56 फीसदी है, देश के कुल बाजरा उत्पादन में 44.22 फीसदी अकेले राजस्थान का हिस्सा है, इसी तरह कुल सरसो उत्पादन में 43.69, पौष्टिक अनाजों के प्रोडक्शन में 16.44 और मूंगफली में 20.65 फीसदी का योगदान है।

राजस्थान में छोटे किसान ज्यादा

राजस्थान में करीब 60 फीसदी लघु एवं सीमांत किसान है कृषि गणना के मुताबिक सूबे में कुल जोतो की संख्या 76.55 लाख है जिसमे से महज 3.59 लाख ही बड़े किसान है। जबकि 11.32 लाख माध्यम जोत वाले किसान है। 14.16 लाख अर्ध मध्यम किसान, 16.77 लाख लघु किसान जबकि 30.71 लाख सीमांत किसान है।

वैसे तो वर्तमान अशोक गहलोत सरकार कृषि में बड़े बदलाव के लिए विस्तृत कार्य योजना पर कार्य कर रही है, अगर यह सब कुछ ठीक हुआ तो कृषि की सूरत बदल सकती है , लेकिन इस बदलाव के लिए आवश्यक बिजली , पानी की उपलब्धता एक बड़ी समस्या और सवाल है, इस के लिए गहलोत सरकार कृषि विद्युत वितरण कंपनी और कृषि में कैसे कम से कम पानी का खर्च हो इस हेतु कार्य कर रही है। क्योंकि राजस्थान के जल संकट का ये हाल है कि यहां के 352 ब्लॉकों में से 245 डार्क जोन में है। यह सरकार , किसानों और वहां के समाज के लिए चुनौती है।

राष्ट्रीय लोकदल के राजस्थान में बढ़ते कदम

राष्ट्रीय लोकदल हमेशा से किसानों के मुद्दे और उनकी समस्या को लेकर सक्रिय भूमिका में रहती है। राजस्थान प्रदेश मे भी अपनी सक्रियता और जनसमर्थन को बढ़ाने के लिए पार्टी द्वारा प्रदेश मे नए महासचिवों की नियुक्ति की गई थी।