वन व पशुपालन विभाग की टीम दिनरात निगरानी में जुटी
शैलेश माथुर की रिपोर्ट
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सांभरझील (जयपुर)। सांभर कस्बा में पिछले तैरह दिनों में बर्ड फ्लू से अभी तक 85 पक्षियों की मौत होने की सरकार की ओर से पुष्टि की गयी है। 18 नवम्बर को सर्वाधिक एक ही दिन में 23 कोवों के शव मिलने के बाद उठाये गये प्रभावी कदम के बाद लगातार पक्षियों के मौत के आंकड़ों में कमी जरूरी आ रही है, लेकिन रोजाना दो से तीन पक्षियों के शव व उनके घायल अवस्था में पाये जाने का सिलसिला बदस्तूर बना हुआ है।
कोवों के अलावा विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों की अधिक संख्या में हो रही मौतों में जबरदस्त गिरावट आने के बाद वन व पशुपालन विभाग के अफसरों ने भी राहत की सांस ली है, लेकिन कोवों (पक्षियों) की मृत्यु का कारण एच-5 एन-1 एवियन इंफ्लंूजा वायरस होने तथा इस वायरस के संक्रमण को इंसानों तक रोकने के लिये सरकार की ओर से उक्त दोनों विभागों के अलावा स्वास्थ्य विभाग को खास सतर्कता बरतने के निर्देश प्रदान किये गये थे, उसी अनुरूप सभी विभागों के अधिकारियों व उनकी टीम की ओर से विर्शेष नजर रखी जा रही है।
डीएफओ वीरसिंह ओला व एएफओ ओमप्रकाश गुप्ता से बात करने पर बताया गया कि सांभर कस्बा के अलावा झील परिक्षेत्र में हमारी टीम को पहले ही तैनात किया जा चुका है उनकी ओर से लगातार काम किया जा रहा है। अभी तक 85 पक्षियों की मौत हुयी है, लेकिन उसके बाद हालात पर काबू पा लिया गया है। पशुपालन विभाग की एडिशनल डायरेक्टर उम्मेद सिंह व डिप्टी डायरेक्टर पदमचन्द कानखेड़िया से बात करने पर बताया गया कि सरकार की ओर से जो गाइड लाईन जारी की गयी है उसी अनुरूप पूरा ध्यान रखा जा रहा है, मृत पक्षियों को सुरक्षित व वैज्ञानिक तरीके से दफनाया जा रहा है ताकि किसी भी प्रकार के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
वाल्डलाइफ क्रिएचर ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष ओमप्रकाश पिण्टी व उनकी टीम की ओर से भी इस काम में मदद की जा रही है। वन विभाग की काचरोदा नर्सरी में तैनात श्यामश्री शर्मा ने बताया कि मंगलवार को 1 कोवा, 1 इंडियन कोयल व 1 बुलबुल के शव मिले तथा 1 कूकल व 1 घायल कोवे का उपचार किया जा रहा है। बताया गया कि अभी तक कोवों के अलावा गेटर कुकलू, स्पोर्टटेड आउल, तोते, नोरदन शाउलर, काॅमन टिल, चील, रूफस ट्रीपी व एशियन कोयल बर्ड फ्लू के कारण मौत का शिकार हो चुके है।