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जयपुर। पूरे देश में दिवाली का जश्न खुशी से भरा एक कार्यक्रम होता है. दिवाली पर बच्चे पटाखे जलाने को ले कर उत्साहित रहते हैं। उन्हें पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूक करने के लिए पोदार जंबो किड्स ने बीज पटाखा का उपहार दिया ताकि वे दिवाली मनाने का एक पर्यावरण अनुकूल तरीका सीख सकें।
पोदार जंबो किड्स ने इस अवसर पर अपने सभी बच्चों को पर्यावरण के अनुकूल थीम "इनको फोड़ना नहीं उगाना है” के तहत बीज पटाखा उपहार में दिया है। चकरी, अनार, सुतली बम, रॉकेट और कई अन्य पटाखें बीज से भरे हुए थे।
पोदार एजुकेशन के चेयरमैन श्री राघव पोदार ने कहा, “हम कम उम्र में बच्चों को सही मूल्य सिखाने में विश्वास करते हैं। हममें से ज्यादातर के लिए दिवाली एक प्रमुख भारतीय त्योहार है, जब हम अपने लिए एक यादगार अनुभव सृजित करते हैं। हालांकि, हमारा पर्यावरण इस वक्त प्रदूषण के कारण पटाखा जलाने को ले कर रोकता है। इसी वक्त हम अपने बच्चों के मन में पर्यावरण के प्रति प्यार का भाव भी जागृत करना चाहते हैं। हमने अपने छोटे जंबो किड्स और उनके परिवारों को चकरी, अनार, रॉकेट और कई तरह की आतिशबाजी उपहार में दिए है। लेकिन ये पटाखें बारूद, रसायन और प्लास्टिक फिल्म के बजाय पौधों और सब्जियों के बीज से भरे हुए हैं। यहां तक कि रैपिंग भी बायो डिग्रेडेबल पेपर से बनी होती है, और सुरक्षित रंगों का उपयोग करके हाथ से प्रिंट किया जाता है. हमें गर्व है कि ये पर्यावरण के अनुकूल बीज पटाखे ग्रामीण महिलाओं द्वारा हस्तनिर्मित हैं, जो एक बड़े वंचित समूहों को रोजगार प्रदान करते हैं।
यह पहल प्रकृति के संरक्षण के साथ-साथ परंपरा को संरक्षित करने का एक तरीका है, जब हमारे देश का भविष्य दिवाली के इस शुभ त्योहार को मनाते हुए पर्यावरण के लिए लोकाचार का निर्माण करता है। बच्चों में पर्यावरण संरक्षण की भावना आत्मसात करने के संदेश के साथ लगभग 3,000 बीज पटाखें उपहार में दिए गए।