शिक्षक माता-पिता की संतान का उत्तर प्रदेश के एटा जिले से देश की राजधानी दिल्ली की संघर्षमयी यात्रा
ज्ञानेन्द्र रावत की कहानी लोगों की जुबानी
(लेखक, पर्यावरणविद एवं वरिष्ठ पत्रकार)
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छात्र जीवन में छात्रों के हितों के लिए संघर्ष करने वाले और जनहित के मुद्दों पर अनवरत संघर्षरत, आंदोलनकर्मी और सन् 1978 से नूतन कहानियां जैसी मासिक पत्रिकाओं से अपने पत्रकारिता जीवन की शुरूआत करने वाले और फिर दैनिक जागरण, दिल्ली में तत्कालीन प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह द्वारा स्थापित किसान ट्रस्ट के हिन्दी साप्ताहिक "असली भारत" , तत्पश्चात विचार प्रधान मासिक पत्रिका " असली भारत" में संपादकीय विभाग में उप संपादक, सहायक संपादक, संपादक जैसे विभिन्न पदों पर कार्य करने वाले, चौधरी चरण सिंह द्वारा लिखित पुस्तकों के पुनः प्रकाशन के समय उनके संपादन का, बाबा साहब डा.अम्बेडकर के सचिव रहे नानक चंद रत्तू की ख्यातनामा पुस्तक " डा.अम्बेडकर : कुछ अनछुए प्रसंग" का सम्पादन करने, जनसत्ता, नवभारत टाइम्स, कुबेर टाइम्स, दैनिक हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, राष्ट्रीय सहारा, अमर उजाला, दैनिक ट्रिब्यून, दैनिक नवज्योति, प्रभात खबर, पीपुल्स समाचार, नयी दुनिया, डेली न्यूज, नवभारत आदि अनेकों राष्ट्रीय, क्षेत्रीय समाचार पत्रों, पत्रिकाओं में सम सामयिक, ज्वलंत मुद्दों पर अब तक हजारों लेख लिखने वाले ज्ञानेन्द्र रावत ने पूरी निष्ठा और ईमानदारी से जहां पत्रकारीय कर्म का दायित्व निभाया है, वहीं पर्यावरण जैसे अहम विषय पर बीते दशकों में अपने लेखों, संगोष्ठियों-सभा-सेमिनारों व शिक्षा संस्थानों में व्याख्यानों-परिसंवादों के माध्यम से जनजागरण का जो महती कार्य किया है, वह सराहनीय ही नहीं प्रशंसनीय भी है।
जनसत्ता के शुरूआती दशकों में खोज खबर-खास खबर नामक पृष्ठों पर प्रकाशित आपकी खोजी रपटें काफी चर्चित रही हैं। महेश गुप्ता स्मृति सृजन सम्मान, विज्ञान पत्रकारिता सम्मान, हिन्दी पत्रकारिता सम्मान, शिक्षक एक सृजक सम्मान, मानव सेवा सम्मान, गंगा सम्मान, गंगा संरक्षण सम्मान, नदी-जल संरक्षण सम्मान, पर्यावरण रत्न सम्मान, पर्यावरण भूषण सम्मान, ग्रीन इंडिया अवार्ड, नेशनल ग्रीन अवार्ड, लोकनायक जयप्रकाश अवार्ड, जल संरक्षण सम्मान आदि अनेकों सम्मान-पुरस्कारों से सम्मानित आदरणीय ज्ञानेन्द्र रावत की पर्यावरण पर लिखी व संपादित पुस्तकें शोधार्थियों के बीच संदर्भ ग्रंथ के रूप में खासी चर्चित हैं।
चौधरी चरण सिंह : स्मृति और मूल्यांकन नामक ख्यातनामा पुस्तक के अलावा महामानव महात्मा गांधी : एक विमर्श, महात्मा गांधी और हिंद स्वराज्य, सुनामी का तांडव, ऐसे बही भगाणी-तिलदह, सरसा के पुनर्जीवन की गाथा, स्त्री त्रासदी विषयक कंस समाज में औरत, औरत : एक समाज शास्त्रीय अध्ययन, औरत :अस्मिता और यथार्थ, दि स्टेटस आफ दलित एण्ड ह्यूमन राइट इन इंडिया, दलित एण्ड द ला इन ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी, दलित इन द पास्ट एण्ड प्रजेंट, दलित नारी : एक विमर्श, पत्रकारिता के विभिन्न स्वरूप, संचार माध्यम और इलैक्ट्रानिक मीडिया, शिक्षा के स्वरूप आदि आपकी प्रमुख प्रकाशित पुस्तकें हैं।
एक ईमानदार, स्पष्टवादी पत्रकार और प्रमुख पर्यावरणवादी के रूप में चर्चित ज्ञानेन्द्र रावत का प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी शुभकरण चूडी़वाला की स्मृति में आगामी 28 नवम्बर को गांधी शांति प्रतिष्ठान में दिये जाने वाले अमर शहीद तिलका मांझी सम्मान के लिए चयन हम सबके लिए गर्व का विषय है। इस सम्मान हेतु गठित चयन समिति के प्रमुख वरिष्ठ पत्रकार शिवकुमार मिश्र, सूत्रधार प्रख्यात पत्रकार आदरणीय प्रसून लतांत जी और ज्ञानेन्द्र रावत को हम सभी पर्यावरण कार्यकर्ताओं की ओर से इस सम्मान हेतु बहुत-बहुत बधाई एवं अनंत शुभकामनाएं....!