शेखर रवजियानी ने नॉन-फिल्मी हिंदी पॉप सॉन्ग को 'रंग' नाम देने का कारण बताया

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मुंबई। संगीत के उस्ताद शेखर रवजियानी ने खुलासा किया कि उन्होंने अपने पहले नॉन-फिल्मी हिंदी पॉप सॉन्ग का नाम 'रंग' क्यों रखा। शेखर रवजियानी को निश्चित रूप से अपने भावपूर्ण गायन और जादुई कम्पोजिशंस के लिए पहचाना जाता है। पुरस्कार विजेता और बहु-प्रतिभाशाली कलाकार हमेशा कुछ नया करने और दुनिया भर के संगीत प्रेमियों के लिए जादुई ट्रैक्स प्रोड्यूस करने के लिए तत्पर रहते हैं।

हाल ही में, हिट रिकॉर्ड सिंगर-कम्पोज़र ने अपने आगामी प्रोजेक्ट, 'रंग' का टीज़र जारी किया, जिसने नॉन-फिल्मी हिंदी पॉप म्यूजिक की दुनिया में अपने प्रवेश को चिह्नित किया। यह सॉन्ग लोकप्रिय साउथ एशियन म्यूजिक लेबल, सूफिस्कोर द्वारा प्रस्तुत किया गया है और इसके बोल प्रिया सरैया द्वारा लिखे गए हैं। अपनी तरह के इस अनोखे ट्रैक की सबसे खास बात यह है कि इसे ब्रज भाषा की पारंपरिक भाषा में लयात्मक रूप से लिखा गया है। 

जब शेखर रवजियानी से इस जादुई आवाज वाले सॉन्ग के बारे में पूछा गया कि उन्होंने अपने ट्रैक का शीर्षक 'रंग' क्यों रखा, इस पर वे कहते हैं, पिछले कुछ वर्षों में लॉकडाउन के दौरान, जब सब कुछ अँधेरे के समान महसूस हुआ, एकमात्र संगीत ही था, जिसने हमेशा की तरह मेरे जीवन को प्रकाश और रंग से भर दिया। हालाँकि मैंने इस दौरान कई सॉन्ग्स कम्पोज़ किए, लेकिन 'रंग' एक ऐसा सॉन्ग था जो मेरी इस स्थिति से सबसे अधिक संबंधित था, क्योंकि इसमें क्लासिक का सार है। यह एक ऐसे सॉन्ग के रूप में सामने आया, जिसने मुझे खुद से मिलाया, इससे पहले कि दुनिया मुझे बताए कि मैं कौन हूँ। मुझे याद है जब मैं अपनी माँ के लिए 'रंग' प्ले करता था, जो आँखों में अपार खुशी के साथ इसे बार-बार सुनती थी। उस समय मैंने महसूस किया कि इस ट्रैक को दुनिया के सामने लाने की बेहद जरूरत है।