राज्य उपभोक्ता आयोग ने चिकित्सीय लापरवाही पर 40 लाख से अधिक खर्चा दिलाया

गंभीर चिकित्सीय लापरवाही पर 40 लाख, 42850 इलाज खर्च एवं 25000 परिवाद खर्चा दिलवाया                     

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जयपुर। राज्य उपभोक्ता आयोग के न्यायिक सदस्य एस के जैन व सदस्य रामफूल गुर्जर द्वारा पारित निर्णय में बताया गया है कि अलवर जिले में तहसील मालाखेड़ा अंतर्गत अहमदपुर निवासी मृतका श्रीमती कुसुम यादव के पेट में दर्द होने के कारण डॉक्टर विजयपाल सिंह को 07-09-2015 को दिखाने गए। सोनोग्राफी कराई, पेट में पथरी बताई, ऑपरेशन के लिए बुलाया। दिनांक 7-9-2015 को डॉक्टर सर्जन ने एनसथीसिया स्वयं ही दे दिया।  

जबकि वह एनएसथीसिया विशेषज्ञ स्वयं नहीं है और भूखे पेट एनेस्थीसिया दिया गया था लेकिन भूखे पेट रहने की मरीज श्रीमती कुसुम यादव को कोई लिखित हिदायत नहीं दी गई। भूखे पेट रहना सुनिश्चित किए बिना ही भर्ती करने के कुछ समय बाद ही एनेस्थीसिया दे दिया गया। जिस कारण खाद्य पदार्थ फेफड़ों में चला गया जिससे कॉम्प्लिकेशन हो गए और इतना होने के बाद इनके अस्पताल में आईसीयू सुविधा नहीं दी गई। 

इस कारण श्रीमती कुसुम यादव की 8-9-15 को मृत्यु हो गई। कॉम्प्लिकेशन होने के बाद भी कई समय तक डॉ. विजयपाल सिंह द्वारा मरीज को अपने विजय हॉस्पिटल में अपने पास ही रखें रहे।  मरीज को अन्यत्र रेफर भी नहीं किया। आयोग के सदस्य गुर्जर ने जानकारी दी कि 40,42,850 रुपए पर परिवादीगण को परिवाद पत्र प्रस्तुत किए जाने, 4.9.17 से वसूली तक 9% वार्षिक दर से ब्याज भी विपक्षी अदा करेंगे और 2 माह के भीतर ₹25000 परिवादी गण को परिवाद खर्च भी देंगे l राशि अदा नहीं करने पर इस राशि पर दिनांक 24-11-2021 से वसूली तक 9% वार्षिक दर से ब्याज विपक्षी विजय पाल सिंह अदा करेंगे।