वितरण की जगह माधोवेणी नदी में फेंके ओषधिय युक्त पौधे



जाफ़र लोहानी

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मनोहरपुर (जयपुर)। ग्राम पंचायत मनोहरपुर में वितरण के लिए आये ओषधिय युक्त पौधों को वितरण न कर पंचायत ने माधो वेणीनदी में फिकवाया दिए। इससे योजना की क्रियान्विती पर प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है। 

जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 72 वे वन महोत्सव पर कोरोना वायरस के प्रभाव को देखते हुए घर-घर औषधीय पौधे वितरण करने का अभियान शुरू किया था। जिसके तहत वन विभाग की नर्सरी में औषधीय पौधे तैयार किए गए थे।  किट में निम, तुलसी, अश्वगंधा, कालमेघ, गिलोय, के पौधे थे। योजना के तहत वन विभाग की नर्सरी से ग्राम पंचायत मनोहरपुर करीब 3 हाजर पौधे वितरण के लिए लाये गए थे। लेकिन इन पौधों का वितरण नहीं होने से अधिकांश पौधे पंचायत में पड़े पड़े नष्ट हो रहे थे।जिससे जनता को योजना का लाभ नही मिल पा रहा है। 

जिस पर एक समाचार पत्र ने वितरण के अभाव में नष्ट हो रहे 2 हजार ओषधिय पौधे" शीर्षक से खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी।जिसके बाद पंचायत प्रसाशन ने गुरुवार शाम को आनन-फानन में पौधों को पंचायत से टेक्टर ट्रॉली में भरवा कर माधोवेणी नदी के कूचों में डाल दिया। जिससे इस योजना की किर्यान्विती पर प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है। 

3 माह में बड़ी मशक्कत के बाद तैयार हुए थे पौधे

वन विभाग के फॉरेस्टर बाबूलाल मीना ने बताया कि 3 माह तक कड़ी मशक्कत के बाद ओषधिय पौधे तैयार किये थे। पंचायत ने इनका वितरण नही करके इस योजना ओर वन विभाग की मेंहनत को विफल किया है।

एक पौधे पर 3 रुपये का खर्च

वन विभाग के फॉरेस्टर बाबूलाल मीना ने बताया कि एक ओषदिय पौधे को तैयार करने में 3 रुपये का खर्च आया था।

एसडीएम ने कहा :

शाहपुरा एसडीएम मनमोहन मीना का कहना है कि मामले की जानकारी लेकर उचित कार्रवाई की जाएगी।

रेंजर ने कहा :

शाहपुरा रेंजर धर्मसिंह चौधरी का कहना है कि वन विभाग का कार्य सिर्फ पौधे तैयार करके देना था पंचायत को घर-घर बाटने के रुपये मिले थे।उनको घर-घर बाटना चाहिए था।

कलेक्टर अतर सिंह नेहरा ने कहा : 

जयपुर जिला कलेक्टर अतर सिंह नेहरा कहना है कि मामले में वन  विभाग के अधिकारियों  से रिपोर्ट ली जाएगी।