फ्लाइंग ऑफिसर अश्विनी स्क्वार्डन लीडर पार्थ, अपनी माताजी सुनयना सैनी तथा परिवार की बहनों के साथ
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बीड भैरवी। सैनी सभा चरखी-दादरी द्वारा फ्लाइंग ऑफिसर अश्विनी सैनी व स्क्वार्डन लीडर, पार्थ सैनी के सम्मान में अश्विनी के पैतृक गांव बीड भैरवी (गावड़ी वाला जोहड़) के स्कूल प्रांगण में अभिनन्दन समारोह आयोजित किया गया। फ्लाइंग ऑफिसर अश्विनी सैनी और स्क्वार्डन लीडर, पार्थ सैनी को सैनी सभा के अध्यक्ष रतीराम सैनी तथा पार्षद बख्शीराम सैनी ने स्मृति चिन्ह भेंट कर इनके उज्जवल भविष्य का आशीर्वाद दिया।
अश्विनी सैनी का परिवार सैनिक पृष्ठभूमि का है। इनके दादा स्वर्गीय ताराचन्द सैनी भारतीय सेना की आर्मड कोर में अपनी सेवाएं देते हुए भारतीय सेना की तरफ से कई देशों में लड़ाई लड़ चुके हैं। अश्विनी के ताउजी नायब सूबेदार मदन सिंह भी सेना की आर्मड कोर में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। स्वयं अश्विनी के पिता अशोक सैनी पहले भारतीय वायुसेना में सेवा कर चुके हैं और अब अंग्र्रेजी प्राध्यापक हैं। अश्विनी के दादाजी चार भाई थे। अश्विनी के पडदादा स्व. नत्थूराम सैनी ने 100 साल पहले गावड़ी वाला जोहड़ जो दादरी से लोहारू रोड़ पर है, के पास चरखी गांव से आकर ढाणी (सैनी) को बसाया जिसे अब बीड़ भैरवी के नाम से जाना जाता है। यहां पर आज भी 100-110 साल से ज्यादा पुराना पीपल का एक पेड़ मौजूद है।
यहां की साक्षरता शत-प्रतिशत है। यहां की बहू-बेटियां पढाई मेें बहुत रूचि रखती हैं। अश्विनी बैडमिटन की अखिल भारतीय स्तर की खिलाड़ी हैं तथा कई बार पर नाॅर्थ-इस्ट क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चूंकि हैं। उनकी माता श्रीमती वीना सैनी ने बताया कि मृदुभाषी और हंसमुख अश्विनी पढाई में अपने सहपाठियों में हमेशा अग्रणी रही हैं। दिनबन्धू छोटू राम, विश्वविद्यालय, मुरथल से फिजीक्स मेें स्नातकौत्तर पास कर भारतीय वायुसेना में बतौर फ्लाईग ऑफिसर नियुक्त हुई तथा वायु सेना में सेवा के साथ-साथ फिजीक्स में दिल्ली टैक्नीकल यूनिवसिर्टी से पीएचडी कर रही हैं।
अश्विनी अपनी ट्रेनिंग पूरी कर पार्थ सैनी के साथ परिणय सूत्र में बंध गई हैं। पार्थजी ने आईआईटी, बनारस से मैकेनिकल इजींनियरिंग में बीटैक किया है जिसका श्रेय पार्थ अपनी माता सुनैना को देते हैं। उनके पिता पंकज सैनी हरियाणा टूरिज्म में प्रबंधक हैं तथा पार्थ के दादा स्व. मानसिंह जज रह चुके है। स्वयं पार्थजी भारतीय वायुसेना में सक्वाडन लीडर हैं।
परिवार और आसपास के गांव की बहू-बेटियां अश्विनी को अपना राॅल-माडल मान कर देश के लिये कुछ कर गुजरना चाहती हैं। जब से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का नारा दिया है, यहां की बहू-बेटियां अपने सपनों की उड़ान भर रही हैं। इनके परिवार में दर्जनों बहू-बेटियां एमएससी, बीटैक, एमए, बीएड; बीफार्मा, एग्रीक्लचर साईस में एमएससी; वेटनरी डाक्टर की पढाई कर रही हैं। स्नातक तो लगभग सभी हैं। पुरूषों में एमटैक, बीटैक हैं, दिल्ली पुलिस, हरियाणा पुलिस, आईटीबीपी, पचायत सेैक्रेटरी तथा भारतीय खाद्य निगम, केन्द्रीय सरकार आदि में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
रतीराम सैनी, प्राध्यापक मुरारीलाल सैनी, पवन सैनी, राजेन्द्र सैनी, अजय सैनी तथा रामनाथ सैनी ने गांव के ओम प्रकाश सैनी, विजय सैनी, महावीर प्रसाद, सूबेदार मदन सैनी, जिले सिंह सैनी, ज्ञानी राम, हरिसिंह सैनी तथा रामनिवास आदि को बधाई देते हुए कहा कि आप लोगों ने बहू-बेटियों को शिक्षित कर देश की उन्नति में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है, आप बधाई के पात्र हैं।