घर-घर औषधि योजना की राज्य स्तरीय समिति की बैठक
जयपुर। घर-घर औषधि योजना की राज्य स्तरीय प्रबोधन समिति की वर्चुअल बैठक मुख्य सचिव निरंजन आर्य की अध्यक्षता में हुई। बैठक में वन विभाग के साथ-साथ योजना से जुड़े विभिन्न विभागों के अधिकारी भी शामिल हुए।
इस अवसर पर मुख्य सचिव आर्य ने योजना के तहत औषधीय पौधों के वितरण और उनकी सार-संभाल की निगरानी की समुचित आवश्यकता जताते हुए कहा कि आमजन को इन पौधों के उपयोग की विधि और उनका महत्व भी बताया जाए। उन्होंने कहा कि गांव में औषधीय पौधों के वितरण की व्यवस्था पूर्ण रूप से पारदर्शी बनाई जाए ताकि अंतिम व्यक्ति तक योजना का लाभ पहुंच सके। इसके लिए वन विभाग, अन्य विभागों के अधिकारियों से समन्वय बनाकर व्यवस्था को प्रभावी करे।
मुख्य सचिव ने जिलों में जिला कलक्टर की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए उपखंड और तहसील स्तर पर भी योजना में शामिल सभी विभागों की कमेटी बनाने के निर्देश दिया। इससे न केवल घर-घर तक औषधीय पौधे पहुंच पाएंगे बल्कि उनकी मॉनिटरिंग में भी सहूलियत रहेगी। उन्होंने योजना में राजस्थान स्टेट मेडिसिनल प्लांटस बोर्ड की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि औषधीय पौधों के उपयोग और उनकी महत्व की जानकारी आमजन तक आसान भाषा में पहुंचाने में आयुर्वेद चिकित्सक सहयोग कर सकते हैं। इससे योजना की चिकित्सीय महत्ता बढ़ जाएगी।
वन विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती श्रेया गुहा ने बताया कि जिला स्तर पर योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिला कलक्टर की अध्यक्षता में टास्क फोर्स बनाई गई है। परिस्थितियों के अनुसार जिला कलक्टर उपखंड और तहसील स्तर पर समिति बनाकर योजना क्रियान्वित करेंगे। इस दौरान गांव-घर तक औषधीय पौधे पहुंचाने के लिए पंचायती राज विभाग से सहयोग लेने पर भी विचार विमर्श किया गया।
उन्होंने बताया कि योजना के तहत प्रत्येक परिवार को आगामी 5 साल में तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा और कालमेघ के कुल 24 पौधे मिलेंगे। प्रथम दो वषो में 50-50 प्रतिशत परिवारों को 8-8 पौधे वितरण किये जाएंगे। तीसरे वर्ष में सभी 100 प्रतिशत तथा चौथे और पांचवें वर्ष में पुनः 50-50 प्रतिशत परिवारों को पौधे वितरित किये जाएंगे। उन्होंने बताया कि राज्य के लगभग एक करोड़ 26 लाख परिवारों को इस योजना का लाभ देने का लक्ष्य रखा गया है। विभाग की पौधशालाओं में लगभग 5.5 करोड़ पौधे तैयार कर लिए गए हैं। जुलाई में वृहद स्तर पर पौधा वितरण अभियान चलाया जाएगा।
इस अवसर पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हॉफ) श्रीमती श्रुति शर्मा, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (विकास) डॉ. दीप नारायण पाण्डेय, अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन वर्धन) अरिजीत बनर्जी मौजूद रहे । जबकि शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, पंचायती राज, नगर निगम, गृह विभाग, आयुर्वेद, ग्रामीण विकास, पशुपालन, सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय, आयुर्वेद विश्वविद्यालय, राजस्थान स्टेट मेडिसिनल प्लांटस बोर्ड सहित अन्य ऑनलाइन जुड़े रहे।