कविता
लेखिका : रश्मि अग्रवालनजीबाबाद, 9837028700
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कुछ अपने मन से जीतेंगे
कुछ रूठेंगे, कुछ छूटेंगे
कुछ अपने मन से जीतेंगे।
कुछ इच्छा मन में पनपेंगी
कुछ बिन मांगे पूर्ण होंगी।
कुछ सही गलत को समझेंगे,
कुछ अन्जाने बन भटकेंगे।
कुछ का पत्ता साफ करेंगे
कुछ को मन से माफ करेंगे।
कुछ लाठी से बात करेंगे,
कुछ अपनों का मान करेंगे।
कुछ धन पर अभिमान करेंगे
कुछ खुद की पहचान करेंगे।।