ग्रामोफोन मेरे लिए एक डॉक्टर के बराबर है : एक किसान



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भोपाल। खेती-किसानी के कई उदाहरण आपने देखे होंगे, लेकिन ग्रामोफोन  के उपयोग से मिर्ची की खेती करने के दौरान इस किसान के अनुभव सुनकर आप निश्चित ही आश्चर्य में पड़ जाएंगे।

खरगोन जिला स्थित घुघरिया खेड़ी के कमल यादव मिर्ची काउत्पादन करते हैं।कमल ने इस वर्ष 7 एकड़की जमीन पर मिर्ची का उत्पादन किया, जिसमें से 1 एकड़ की जमीन पर ग्रामोफोन के बीज तथा तकनीकी सलाह का उपयोगकिया।

इसके बारे में वे कहते हैं, ग्रामोफोन की तकनीकी सलाह को लेकर मेरा अनुभव बेहद खास रहा है। इसके माध्यम से मेरी 1 एकड़ की जमीन में लगाई गई मिर्ची में किसी प्रकार की सड़न नहीं हुई। इस 1 एकड़ में दवाई का खर्चा भी काफी कम आया, यानि दवाई के 10 पंप लगने के बजाए 8 पंप ही लगे और वायर सके अटैक से भी मिर्ची बचीर ही।साथ ही, दूसरे भाग में लगाएग एकई मिर्ची के पौधे सूखगए, लेकिन इस 1 एकड़ में एक भी पौधा नहीं सूखा।इस प्रकार, 6 एकड़ में लगाई गई मिर्ची की तुलना में इसकी पैदावार काफी अच्छी हुई।

दर असल कमल ने अपनी 1 एकड़ की जमीन में ग्रामोफोन की मिर्च समृद्धि किट का उपयोग किया  था। इसके लिए वे कहते हैं, मिर्च समृद्धि किट ने मिर्च की पैदावार में बेहद विशेष योग दान दिया है। मैंने जितनी जगह पर इस किट का उपयोग किया, उतनी जगह पर पौधों का आकार अन्य पौधों की तुलना में काफी बड़ा रहा। साथ ही साथ, पौधों और मिर्ची का रंग भी काफी अच्छा रहा और मिर्ची का आकार भी अन्य हिस्से की तुलना में काफी बड़ा रहा। मैं यही कहना चाहता हूँ कि हर एक किसान को ग्रामोफोन से जुड़ना चाहिए। मेरे लिए ग्रामोफोन एकडॉक्टर के बराबर है, खेती से जुड़ा हर एक समाधान ग्रामोफोन के पास है।