अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस पर टीवी कलाकार
मुम्बई। जब कोई रोशनी नहीं होती तो आपका परिवार आपको घर का रास्ता दिखलाता है और जब आप अकेलापन महसूस करते हैं तो एक परिवार ही आपको खुद ब खुद याद करता है। हर किसी के जीवन में परिवार का एक महत्वपूर्ण स्थान होता है। इस भागती-दौड़ती जिंगगी में हम सबको ही अपने परिवार के साथ वक्त बिताना अच्छा लगता है। हर साल 15 मई को ‘अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस‘ मनाया जाता है। यह हमारे लगाव, प्यार और ताकत का प्रतीक है। इस खास दिन पर, एण्डटीवी के कलाकारों ने अपने परिवारों और उनके साथ अपने रिश्ते के बारे में बात की। उन कलाकारों में शामिल हैं रोहिताश्व गौड़ (‘भाबीजी घर पर हैं‘ के मनमोहन तिवारी), फरहाना फातिमा (‘और भई क्या चल रहा है‘ की शांति मिश्रा), आशीष कादियान (‘संतोषी मां सुनाये व्रत कथायें‘ के इंद्रेश) और कामना पाठक (‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की राजेश)।
रोहिताश्व गौड़ उर्फ ‘भाबीजी घर पर हैं‘ के मनमोहन तिवारी कहते हैं, मेरे लिये मेरा परिवार ही सबकुछ है! मैं आज जो कुछ भी हूं और मेरे पास जो कुछ भी है वह मेरे परिवार की वजह से है। उनका प्यार और साथ मेरी सबसे बड़ी ताकत और हिम्मत है। मुझे नहीं लगता कि अपने परिवार की सरहाना के लिये किसी एक दिन की जरूरत है। हर दिन अपने अनोखे रूप में खास होता है! हम एक साथ खेलते हैं, सीखते हैं और एक साथ बेहतर इंसान बनते हैं। उनके साथ कभी कोई पल उदास नहीं होता। आपकी कमियों के बावजूद जो आपको प्यार करते हैं और आपका साथ देते हैं, उससे परिवार बनता है। मुश्किल वक्त का सामना करने और उससे बाहर निकलने के लिये हमें अपने परिवार के सहयोग की जरूरत होती है। ‘ अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस‘ के मौके पर मेरी बस एक ही कामना है सभी सुरक्षित रहें, स्वस्थ और साथ रहें।
फरहाना फातिमा उर्फ ‘और भई क्या चल रहा है‘ की शांति मिश्रा कहती हैं, मेरा परिवार मेरी ताकत है! मैं बहुत खुशकिस्मत हूं कि मुझे इतना प्यारा परिवार मिला है। जब थककर घर आओ तो आपको अपने परिवार के साथ ही सुकून मिलता है। घर एक ऐसी जगह होता है जहां आपका दिल बसता है! वह परिवार ही होता है जोकि सबसे मुश्किल समय में आपको प्यार और सपोर्ट देता है। एक परिवार का साथ होने से बड़ी और कोई खुशी नहीं हो सकती। ‘अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस‘ के मौके पर मैं सबको ढेर सारा प्यार, खुशी और अच्छी सेहत की शुभकामनाएं देती हूं। मजबूत बने रहिये और सेहतमंद रहिये!
आशीष कादियान उर्फ ‘संतोषी मां सुनाये व्रत कथायें‘ के इंद्रेश कहते हैं, अभी मैं अपने शो की शूटिंग सिलवासा में कर रहा हूं और मुझे अपने परिवार की बहुत याद आ रही है। मेरे लिये परिवार सबसे पहले आता है और यही सबकुछ है। इस मुश्किल वक्त में हम सबको अपने परिवार और अपनों के सेहत की चिंता सता रही है। ‘अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस‘ हमें यह याद दिलाता है कि जो हमारे पास है, उसके लिए हमें हमेशा शुक्रगुजार होना चाहिये। साथ ही उनके साथ हमें जुड़े रहना चाहिये, भले ही आप कितने भी व्यस्त क्यों ना हों। ‘संतोषी मां सुनाये व्रत कथायें‘ टीम के रूप में मुझे एक और परिवार मिल गया है। हम एक-दूसरे का ख्याल रखते हैं और एक-दूसरे की परवाह करते हैं। मेरे लिये यह घर से दूर एक घर की तरह है।
कामना पाठक उर्फ ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की राजेश ने कहा, एक मशहूर कहावत है ‘मुश्किल वक्त में ही अपनों की पहचान होती है‘ और यह बात मौजूदा वक्त के लिये बिलकुल सटीक है। मेरा परिवार मेरी ताकत है। उनका प्यार, सहयोग और हौसला ही है जिसकी वजह से मैं लगातार काम कर रही हूं। मैं सभी लोगों को ‘अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस‘ की शुभकामनाएं देती हूं। सुरक्षित रहिये और स्वस्थ रहिये। आपके पास जो है उसके लिये शुक्रगुजार होइये और अपने परिवार के साथ बिताये हर पल का आनंद लीजिये।