डिजिटल मीडिया पर इंफ्लूएंसर एडवरटाइजिंग के लिए एएससीआई ने जारी किया अंतिम दिशानिर्देश

लॉन्च किया एएससीआई ASCI.Social प्लेटफॉर्म

मसौदा दिशानिर्देश पर 25 हितधारकों से मिले सुझाव

डिजिटल प्लेटफॉर्म दिशा-निर्देशों और इंफ्लूएंसर कम्युनिटी, मार्केटर्स, एजेंसियों और उपभोक्ताओं के लिए एक जगह सभी जानकारियों का केंद्र होगा

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मुंबई। एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया (एएससीआई) ने आज डिजिटल मीडिया पर इंफ्लूएंसर एडवरटाइजिंग (प्रभावशाली शख्सियतों द्वारा किया जाने वाला विज्ञापन) संबंधी निर्णायक दिशानिर्देशों जारी किया। फरवरी महीने में दिशानिर्देशों का मसौदा जारी किया गया था और विज्ञापनदाताओं, एजेंसियों, इंफ्लूएंसर (प्रभावित करने वाली शख्सियतें) और उपभोक्ताओं समेत सभी हितधारकों से इस मसौदा दस्तावेज पर उनकी प्रतिक्रिया माँगी गई थी। एक समन्वयपूर्ण प्रक्रिया और विशेषज्ञों की राय सुनिश्चित करने के लिए एएससीआई ने स्टोरीटेलिंग के लिए भारत के अग्रणी मार्केटप्लेस बिग बैंग सोशल के साथ करार किया है ताकि भारत के प्रमुख डिजिटल इंफ्लूएंसर्स के विचारों को जाना जा सके। दिशानिर्देश 14 जून 2021 या उसके बाद प्रकाशित वाणिज्यिक संदेशों या विज्ञापनों  पर लागू होंगे। दिशानिर्देशों के मुताबिक इंफ्लूएंसर्स द्वारा पोस्ट की जाने वाली प्रचार सामग्री पर लेबल लगाना अनिवार्य होगा। 

गौरतलब है कि डिजिटल मीडिया की खपत अब सामान्य नियम सा बन गया है और ऐसे में कंटेंट (सामग्री) और प्रचार विज्ञापनों के बीच का अंतर काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। मार्केटिंग का परिदृश्य तेजी से बदल रहा है और इंफ्लूएंसर्स मार्केटिंग अब मुख्य धारा की जगह लेता जा रहा है। इसलिए उपभोक्ताओं के पास यह जानने का अधिकार है कि ब्रांड्स की तरफ से किस कंटेंट को दिखाने के लिए भुगतान किया गया है और दिशानिर्देशों के जरिए इंफ्लूएंसर्स मार्केटिंग के क्षेत्र में पारदर्शिता लाने की कोशिश की जा रही है। प्रभाव सीधे कार्रवाई के लिए प्रेरित करता है और यह मौजूदा समय की हकीकत है। इस वजह से उपभोक्ता इंफ्लूएंसर्स की तरफ से बताए जा रहे उत्पादों और सेवाओं की न केवल खरीदारी करते हैं बल्कि वह उस ब्रांड को भी खरीदते हैं, जिसके बारे में इंफ्लूएंसर्स बताते हैं। इस प्रकार, ये दिशानिर्देश उपभोक्ताओं, इंफ्लूएंसर्स, विपणनकर्ता और विज्ञापन उद्योग के हितों की रक्षा करते हैं।

मसौदा दिशानिर्देशों को जब साझा किये जाने के बाद इंफ्लूएंसर्स समुदाय में और अन्य हितधारकों के बीच गहन विचार-विमर्श हुआ था। हमें दो महीनों के भीतर 25 अलग-अलग हितधारकों से उनकी प्रतिक्रियाएं मिलीं, जिसमें उद्योग जगत आईएएमएआई, आईबीएचए जैसे उद्योग संघ, पेप्सिको, पीऐंडजी, नेस्ले, एचयूएल, टाटा, स्टार जैसे विज्ञापनदाता भी शामिल थे। हमें कई स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठनों की तरफ से भी प्रतिक्रियाएं मिली। डॉली सिंह, विष्णु कौशल, आयशा बिलमोरिया, अनम सी,  शेहेजाद  श्रॉफ तलवार उर्फ़ शैरी श्रॉफ, राघव मित्तल, वरुण दुग्गीराला और अन्य ने भी अपने विचार साझा किए। एएससीआई ने सभी प्रतिक्रियाओं, चिताओं और सुझावों को ध्यान में रखकर निर्णायक दिशानिर्देशों को जारी किया।

एएससीआई के चेयरमैन सुभाष कामत ने कहा कि, “मसौदा दिशानिर्देशों के लिए हमें इंफ्लूएंसर्स और अन्य हितधारकों की तरफ से उम्मीदों से ज्यादा सकारात्मक विचार और प्रतिक्रियाएं मिली। इसके साथ ही हमें सुधार और स्पष्टीकरण के लिए भी कई सुझाव मिले। लंबी चर्चा के बाद अब हम अंतिम दिशानिर्देश जारी कर रहे हैं, जो उपभोक्ताओं, इंफ्लूएंसर्स, एजेंसियों, विज्ञापनदाताओं और अन्य हितधारकों के हितों के बीच संतुलन कायम करता है। मैं सभी से अपील करता हूँ कि वह एएससीआई की संहिता और दिशानिर्देशों का पालन करें और इस बदलाव का हिस्सा बने, जो पारदर्शिता और जिम्मेदारी तय करने वाला है।”

चर्चा के दौरान उठाए गए प्रमुख प्रश्नों में से एक यह था कि एएससीआई इन दिशानिर्देशों के संभावित उल्लंघनों की निगरानी कैसे करेगा। इसके लिए एएससीआई ने एक फ्रांसीसी प्रौद्योगिकी प्रदाता रीच को चिन्हित किया है।

एएससीआई की महासचिव मनीषा कपूर ने कहा कि, “रीच इंफ्लूएंस क्लाउट प्लेटफॉर्म आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल करते हुए सोशल मीडिया पर व्यावसायिक प्रवृत्ति वाले उन पोस्ट की पहचान करता है, जिसमें डिस्क्लोजर नहीं दिया गया होता है। मशीन लर्निंग के अल्गोरिद्म और पैटर्न सर्चिंग रेगएक्स (रेगुलर एक्सप्रेशन) सटीकता को बढ़ाते हैं। डिजिटल सामग्री पर एएससीआई के बढ़ते फोकस के हिस्से के रूप में हम एएससीआई संहिता का उल्लंघन करने वाले विज्ञापनों पर नजर रखने के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी समाधानों को तैनात करना जारी रखेंगे।”

दिशानिर्देशों के साथ-साथ एएससीआई की योजना इंफ्लूएंसर्स एडवरटाइजिंग (प्रभावित करने वाली शख्सियतों के द्वारा किया जाने वाला विज्ञापन) के बारे में समावेशी शैक्षणिक दृष्टिकोण को विकसित करना है। इसे हासिल करने के लिए एएससीआई.सोशल प्लेटफॉर्म को लॉन्च करने जा रहा है, जो दिशानिर्देशों से जुड़ी हुई संपूर्ण जानकारी का एकीकृत केंद्र होगा। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म पर क्या करें औऱ क्या नहीं करें, बार-बार पूछे जाने वाले सवाल (एफएक्यू) और दिशानिर्देशों से जुड़ी जानकारी आदि उपलब्ध होगी। समय के साथ ASCI.Social को सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स, उपभोक्ताओं, विज्ञापनदाताओं और टैलेंट मैनेजमेंट एजेंसियों के एक समुदाय के विकसित होने की उम्मीद है।

कलेक्टिव आर्टिस्ट्स नेटवर्क के संस्थापक साझेदार और बिगबैंग डॉट सोशल के सीईओ, ध्रुव चितगोपेकर ने कहा कि, “सोशल मीडिया के माध्यम से उपभोक्ताओं को संप्रेषित ब्रांडेड संचार में तेज वृद्धि को देखते हुए यह दिशानिर्देश समय की आवश्यकता थी। हमारे पास पारंपरिक मीडिया विज्ञापन के लिए दिशानिर्देश हैं, लेकिन इंफ्लूएंसर मार्केटिंग में उछाल के साथ ये इसके लिए भी आवश्यक है। हम एएससीआई की तरफ से शामिल हुए और हमने सोशल मीडिया इंफ्यूएंसर्स के साथ काम करने और ब्रांड्स के प्रति अपनी समझ को उनसे साझा किया। मैं इस बात से प्रसन्न हूँ कि अंतिम दिशानिर्देश बेहद व्यापक और व्यावहारिक हैं।

भारत के प्रमुख डिजिटल इंफ्लूएंसर्स में से एक डॉली सिंह ने कहा कि : डिजिटल मार्केटिंग का क्षेत्र काफी तेज से बढ़ रहा है और इस वजह से इसके भागीदारों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। ऐसे में डिस्क्लोजर के लिए एक संहिता का होना जरूरी है। मैं एएससीआई की इस पहल का पूरा समर्थन करती हूँ और इससे मेरे जैसे अन्य इंफ्लूएंसर्स के प्रति दर्शकों का भरोसा बढ़ेगा। (प्रेसनोट)