जयपुर जिले के प्रभारी सचिव ने ली महत्वपूर्ण बैठक
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जयपुर। जयपुर जिले के प्रभारी सचिव तथा जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने जिला कलेक्ट्रेट मेें बैठक लेकर जयपुर जिले में शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में कोविड संक्रमण के प्रसार की ताजा स्थिति, इसके प्रबंधन एवं रोकथाम के सम्बन्ध में जिला कलक्टर एवं अन्य अधिकारियों से जानकारी लेते हुए विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने सभी अधिकारियों को जिले में पॉजिटिविटी दर 5 प्रतिशत से कम करने की दिशा में प्रयास तेज करने को कहा।
पंत ने कहा कि पूरे राज्य में सर्वाधिक संक्रमित जयपुर जिले में हैं। जिले में कोरोना के प्रसार के ग्राफ के जरिए इसके ट्रेंड पर नजर बनाए रखनी होगी। कोरोना की रोकथाम के लिए इसी ट्रेंड के अनुरूप एक्शन लेने होंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि रोजाना ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में लिए जा रहे आरटीपीसीआर या रेपिड टैस्ट सैम्पल में से पॉजिटिव आ रहे मरीजों के डेटा के आधार पर क्षेत्र या इलाके विशेष की कोरोना संक्रमण पॉजिटिविटी निकाली जाए। उन्होंने निर्देशित किया कि इस डेटा में सरकारी एवं निजी सभी स्तरों पर हो रही सैम्पलिंग का डेटा शामिल किए जाए। इससे ग्रामीण अथवा शहरी एवं जयपुर शहर में भी अधिक प्रसार वाले स्थान चिन्हित कर संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए माइक्रो प्लानिंग की जाए।
प्रभारी सचिव ने निर्देश दिए कि हर स्थिति में सम्पूर्ण जयपुर जिले में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में आईएलआई एवं कोरोना के लक्षणों वाले मरीजों का पता लगाने के लिए अगले 10-12 दिन में डोर टू डोर सर्वे का एक दौर पूरा कर लिया जाए। इस दौरान संभावित रोगियों को मेडिकल किट देकर त्वरित उपचार प्रारम्भ कर सीएचसी पर स्थापित कोविड कन्सल्टेशन एवं केयर सेंटर पर जाने के लिए प्रेरित करें। श्री पंत ने शहरी क्षेत्र में हर पीएचसी पर सर्वे टीमों की संख्या दो गुनी करते हुए 12 से 15 टीमें इस कार्य के लिए लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने सीएमएचओ को मंगलवार तक इन टीमों के गठन और कार्य प्रारम्भ करने की सूचना देने को कहा।
जयपुर जिला कलक्टर अन्तर सिंह नेहरा ने बताया कि इन सभी सर्वे टीमों की रिपोर्टिंग की पूरी व्यवस्था कर ली गई है और 23 अधिकारियों को मॉनिटरिंग के लिए लगाया गया है। ग्रामीण क्षेत्र में यह सर्वे एसडीओ की निगरानी में किया जा रहा है।
पंत ने जिले में विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्थापित कोविड कन्सल्टेशन एण्ड केयर सेंटर की स्थितियों की समीक्षा करते हुए चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को हर सेंटर पर 24 घंटे एक एम्बुलेंस तैनात रखने के निर्देश दिए। साथ ही ऑक्सीजन कॉन्सेन्ट्रेटर भी जल्द से जल्द स्थापित करने को कहा। हर सेंटर पर 10-10 ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था के लिए भी निर्देशित किया। इन सेंटर्स पर विद्युत आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में जेनरेटर की व्यवस्था के भी निर्देश दिए।
वाणिज्य कर आयुक्त रवि जैन ने बताया कि सभी ऑक्सीजन प्लांट्स पर भी जेनरेटर की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने एसीएस पंत को जिले में ऑक्सीजन आपूर्ति एवं खपत की स्थिति की जानकारी दी। जेडीसी गौरव गोयल ने अस्पतालों में विभिन्न श्रेणियों के बैड की स्थिति के सम्बन्ध में जानकारी दी एवं बताया कि डेटा संग्रहण के लिए जेडीए में एक कन्ट्रोल रूम खोला जा रहा है।
सचिव सुधांश पंत ने लॉकडाउन में जनता द्वारा अनुशासन की पालना की भी समीक्षा की। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त अजय पाल सिंह लाम्बा ने बताया कि हर थाना क्षेत्र में 5-5 नाकों के जरिए लोगों के बेवजह आवगमन को रोका जा रहा है, यातायात पुलिस द्वारा भी 163 नाकों पर बेवजह चलते वाहनों पर कार्यवाही की जा रही है। पंत ने जिला प्रशासन, नगर निगम एवं पुलिस अधिकारियों को विशेषकर सब्जी मंडी जैसी जगहों पर सख्ती से भीड़ को नियंत्रित करने एवं सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कराने के लिए भी निर्देशित किया।
जयपुर नगर निगम ग्रेटर के आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव एवं हेरिटेज के आयुक्त अवधेष मीणा ने बताया कि दोनों निगम क्षेत्र में कचरा परिवहन करने वाले हूपर्स एवं ऑटो के जरिए कोरोना जन जागरूकता संदेशों का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। ग्रेटर में 13 एवं हेरिटेज में 15 फायर बिग्रेड वाहनों से सेनेटाइजेशन कराया जा रहा है। पार्षदों को भी बैटरी चलित सेनेटाइजेशन किट दिया गया है। कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर प्रतिष्ठानों को सीज भी किया गया है।बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर तृतीय राजेंद्र सिंह कविया, चतुर्थ अशोक कुमार, उत्तर बीरबल सिंह, डिप्टी सीएमएचओ श्रीमती इंदिरा गुप्ता एवं सुरेन्द्र सैनी सहित अन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया।