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जयपुर। जिला यातायात प्रबन्ध समिति की सम्पन्न हुई बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिला कलक्टर अन्तर सिंह नेहरा ने निर्देशित किया कि जयपुर जिले में ‘‘नो रिफ्लेक्टर नो व्हीकल’’ अभियान को प्राथमिकता से संचालित किया जाए। इसे सभी हितधारक विभागों द्वारा एनजीओ का सहयोग लेते हुए आपसी समन्वय से चलाया जाना चाहिए। इसके साथ जिले में सड़क दुर्घटनाओं, चालान एवं अन्य कार्यवाहियों के डेटाबेस को एकजाई किया जाना चाहिए जिससे पूरी स्थिति सामने आ सके। गुड सेमेरिटन, सड़क सुरक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए भी विशेष प्रयासों की आवश्यकता है।
नेहरा जिला कलक्टे्रट में हुई समिति की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जयपुर जिले में अधिक वाहन संख्या होने के कारण सड़क सुरक्षा एवं परिवहन नियमों के उल्लंघन पर परिवहन विभाग एवं यातायात पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही का प्रभाव कम नजर आता है। इसलिए किसी भी अभियान को सभी हितधारक विभागों द्वारा समन्वित एवं प्रभावी रूप से चलाए जाने की आवश्यकता है। बैठक में बताया गया कि ‘‘नो रिफ्लेक्टर नो व्हीकल’’ अभियान में वाहनों पर सामने सफेद, साइड में पीली एवं बैक साइड पर लाल टेप लगवाए जा रहे हैं। कई वाहनों के चालान भी बनाए गए हैं। श्री नेहरा ने इस अभियान की प्रगति अगली बैठक में लाने के निर्देश दिए।
बैठक में बताया गया कि जयपुर शहर में विभिन्न सड़कों एवं वाहनों के लिए गति सीमा निर्धारित की जा चुकी है। नेहरा ने इससे सम्बन्धित बोर्ड लगाने के लिए सभी रोड ओनिंग एजेंसियों को निर्देश दिए। मोर्थ द्वारा निर्धारित अधिकतम गति सीमा में संशोधन की आवश्यकता होने पर प्रस्ताव प्रस्तुत करने को कहा। इस पर जमवा रामगढ के विधायक गोपाल मीणा ने कहा कि नगर निगम सीमा के विस्तार के कारण शहर के बाहरी इलाकों में भीड़ की स्थिति को देखकर ही अधिकतम गति सीमा निर्धारित की जानी चाहिए। ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन द्वारा हैवी टे्रफिक क्षेत्र मेंं बसी कॉलोनियों में सचेतक बोर्ड लगाने की सुझाव दिया गया।
जयपुर जिला कलक्टर नेहरा ने वर्ष 2017 से 19 के दौरान शहरी क्षेत्र के निर्धारित 74 एवं ग्रामीण क्षेत्र के 39 ब्लैक स्पॉट्स एवं उनके सुधार की स्थिति की समीक्षा की। साथ ही 2020 में घटित सड़क दुर्घटनाओं के आधार पर नए ब्लैक स्पॉट्स के सम्बन्ध में रोड ओनिंग एजेंसी, परिवहन पुलिस, एनजीओ एवं अन्य हितधारक विभागों को संयुक्त निरीक्षण करने के निर्देश दिए।
नेहरा ने समन्वित सड़क दुर्घटना डेटा बेस के निर्माण के लिए विभिन्न हितधारक विभागों के इंजीनियर्स को भी प्रशिक्षण प्रदान करने के निर्देश दिए। इनमें दोनों नगर निगम, सार्वजनिक निर्माण विभाग, एनएचएआई, जयपुर विकास प्राधिकरण, आरएसाआरडीसी के इंजीनियर्स को भी शामिल करने को कहा। अभी यह प्रशिक्षण जयपुर शहर में परिवहन विभाग के अधिकारियों को ही दिया गया है, जयपुर ग्रामीण में दिया जाना है। डेटाबेस की फीडिंग प्रारम्भ हो चुकी है। इसमें दुर्घटना के मौके पर जाकर एप के माध्यम से डेटा एकत्र किया जाता है।
कलेक्टर नेहरा ने सभी पुलिस थाने में सड़क सुरक्षा प्राधिकारी मनोनीत किए जाने सम्बन्धी रिपोर्ट भी जल्द से जल्द प्रेषित करने के पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए। बैठक में सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी के निर्देशों की अनुपालना मेें निर्धारित यातायात नियमों के उल्लंघन पर लाल बत्ती तेज गति, शराब पीकर चलाने, गलत दिशा में वाहन चलाने जैसे अपराधों पर लाइसेंस निलम्बन की कार्यवाही की जानकारी दी गई। नेहरा ने इन निर्देशों की अनुपालना में प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिए।
विधायक गोपाल मीणा ने कहा कि ऎसे वाहनों पर सख्ती की जाए जो बिना इन्श्योरेंस चलते पाए जाएं। अगर ऎसा कोई वाहन पकड़ा जाए तो उसे पूरे कागज मिलने तक छोड़ा नहीं जाए। बैठक में हाईवे पर अवैध कटों की रोकथाम, अवैध कट निकालने वालों के खिलाफ एफआईआर करवाने, सड़क पर रोशनी के लिए लाइटों का प्रोविजन सड़क की डीपीआर में ही करने, टोल नाकों पर वेइंग मशीन लगवाने एवं डेटा प्रदान करने जैसे विषयों पर भी चर्चा हुई।
बैठक में एडीशनल डीसीपी यातायात जयपुर नॉर्थ, एडीशनल एसपी जयपुर रूरल धर्मेन्द्र, डीसीपी नॉर्थ भूप सिंह, अतिरिक्त जिला कलक्टर दक्षिण शंकरलाल सैनी, सचिव जेडीए ह्रदेश शर्मा, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी राजेश शर्मा, चिकित्सा विभाग, एनएचएआई, पीडब्ल्यूडी, जेडीए, दोनों नगर निगम शिक्षा एवं अन्य विभागों के अधिकारी शामिल हुए।
शाहपुरा में 30 बीघा पर सुविधा विकसित होगी
बैठक में शाहपुरा में नेशनल हाईवे पर ट्रकों की अवैध पार्किंग का मामला उठाया गया। इस पर जिला कलक्टर ने बताया कि जल्द ही शाहपुरा नगर पालिका वहां 30 बीघा पर एक फेसिलिटी विकसित करेगी। जिसके बाद इस समस्या के समाधान की उम्मीद है।
ढाई हजार से अधिक स्कूलों में सड़क सुरक्षा क्लब गठित
बैठक में शिक्षा विभाग की प्रतिनिधि ने बताया कि जिले के 2670 स्कूलों में अब तक सड़क सुरक्षा क्लब गठित किए जा चुके हैं। शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं अभिभावकों की समझाइश जारी है। उन्हें बच्चों को वाहन नहीं देने एवं गति के नियमों की पालना के समझाया जा रहा है। 12 माह के लिए सड़क सुरक्षा गतिविधियों का कलैण्डर तैयार किया जा रहा है। बड़े स्कूलों में विशेष आयोजन भी रखे जाएंगे।