(लेखक प्रख्यात शिक्षाविद एवं धर्म समाज कालेज, अलीगढ़ के पूर्व विभागाध्यक्ष हैं)
अलीगढ। बीते दिवस धर्म समाजकालेज, अलीगढ़ में संपन्न उत्तर प्रदेश सरकार की कार्यशाला में उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबंध अकादमी के महानिदेशक एल वैंकटेस्वर लू ने आईएएस, आईपीएस, पीसीएस, नीट, बैंकिंग,एसएससी आदि महत्वपूर्ण प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा संचालित की जाने वाली 'अभ्युदय योजना' से बच्चों एवं शिक्षकों में पठन पाठन के प्रति रुचि जागृत होने के साथ ही इस योजना से गरीबों को अवसर मिलने और उनमें प्रतिष्ठा की समानता जागृत होने की बात कही।
डा. बीआर अम्बेडकर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ आगरा के पूर्व अध्यक्ष डा. रक्षपालसिंह ने लू के उक्त बयान परअपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए। अभ्युदय कोचिंग योजना के उद्देश्यों एवं योजना के पैरोकार महानिदेशक लू के बयान को प्रदेश की बदहाल प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा व्यवस्था की हकीकत के चलते गुणवत्तापरक स्कूली शिक्षा के अभाव में प्रदेश के आर्थिक तौर पर गरीब युवाओं के सन्दर्भ में योजना को निरर्थक करार दिया है।
डा.सिंह ने कहा है कि बच्चों में पठन पाठन के प्रति रुचि बाल्यावस्था व किशोर अवस्था में ही पैदा की जा सकती है और इस तथ्य को शिक्षित, आर्थिक तौर पर संपन्न तथा अपने बच्चों की शिक्षा के प्रति जागरूक अभिभावकगण अच्छी तरह से जानते हैं एवं अपने बच्चों की प्राथमिक व उच्च प्राथमिक शिक्षा पर अधिक ध्यान देते हैं। इस कारण ही उनके बच्चे गुणवत्तापरक उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सफल होते हैं। लेकिनअफसोस इस बात का है कि जिस गुणवत्तापरक बेसिक शिक्षा की वकालत राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी ने सदैव की,उसी देश में सरकारी बेसिक शिक्षा के बदहाल होते हुए भी उत्तर प्रदेश सरकार के विद्वान शिक्षा सलाहकार बदहाल बेसिक शिक्षा को सुधारने की जगह सरकारी स्कूलों में प्रवेश पाकर अपनी मातृभाषा की किताबों को ढंग से न पढ़ पाने बच्चों को महत्वपूर्ण पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिलाने व नौकरियों की कोचिंग देने के लिये अभ्युदय योजना संचालित कराने की वकालत कर रहे हैं। यह कैसी विडम्बना है।
डा. सिंह ने कहा है कि समूची शिक्षा व्यवस्था एवं एक बहुमंजिला इमारत के निर्माण में काफी समानता है। इस तथ्य से कोई भी इन्कार नहीं कर सकेगा कि महत्वपूर्ण शैक्षणिक पाठ्यक्रमों तथा अच्छी नौकरियों के लिये गुणवत्तापरक स्कूली शिक्षा प्राप्ति की उतनी ही आवश्यकता होती है जितनी कि बहुमंजिला इमारत की मज़बूती के लिये उस इमारत की नींव व भूतल की मज़बूती की। डा .सिंह ने स्पष्ट सुझाव दिया है कि सरकार पहले यूपी के सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान किये जाने का माहौल सृजित करे और उसके बाद ही लोकलुभावन अभ्युदय योजना को अमल में लाने के बारे में निर्णय करे। (लेखक का अपना नजरिया एवं अपना अध्ययन है)