नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत के संदेश के साथ हुआ कॉन्फ्रेंस का समापन

आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी की 25 वीं प्रदन्या एनुअल ग्लोबल कॉन्फ्रेंस सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल 3- एन्श्योरिंग हैल्थकेयर एंड वैलबीइंग

एसडीजी चौपाल हैल्थ के विमोचन तथा नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत के संदेश के साथ हुआ कॉन्फ्रेंस का समापन

स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करने और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स व डिजीटल हैल्थ पर केंद्रित रही 25 वीं प्रदन्या कॉन्फ्रेंस


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जयपुर। आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी की तीन दिवसीय 25 वीं प्रदन्या एनुअल ग्लोबल कॉन्फ्रेंस का आज समापन हुआ, जिसमें 11 देशों के 59 व्यक्तियों की अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी दर्ज की गई। इस कॉन्फ्रेंस के दौरान कई प्रासंगिक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया, जिनमें डिजीटल हैल्थ की क्षमता, तकनीकी अनुकूलन के अग्रणी व प्रबंधकीय परिवर्तन, सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए हैल्थकेयर में तकनीक की भूमिका, पेशेंट सेंट्रिक डिजीटल हैल्थ ईकोसिस्टम का निर्माण, यूनिवर्सल हैल्थकेयर कवरेज के लिए समुदायों का जुड़ाव और एसडीजी-3 सभी के लिए स्वास्थ्य एवं समृद्धि सुनिश्चित करना कुछ प्रमुख विषय थे।

राजस्थान के माननीय राज्यपाल कलराज मिश्र द्वारा इस वर्चुअल कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया गया, जबकि नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत के विशेष संबोधन के साथ इसका समापन हुआ। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी की ओर से 3 से 5 फरवरी 2021 तक इसकी एनुअल ग्लोबल कॉन्फ्रेंस प्रदन्य के 25 वें संस्करण के आयोजन पर इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस कॉन्फ्रेंस का विषय उचित व अत्यधिक प्रासंगिक है, क्योंकि इसके अंतर्गत डिजिटल हैल्थ, सस्टेनेबल डेवलपमेंट और वेलबीईंग जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई है।

आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के प्रेसीडेंट डॉ. पी. आर. सोडानी ने कहा कि प्रदन्या -2021 ग्लोबल कॉन्फ्रेंस डिजिटल हैल्थ, सस्टेनेबल डेवलपमेंट और वेलबीईंग थीम पर केंद्रित है। डिजिटल हैल्थ तकनीकी रूप से सक्षम हैल्थकेयर क्षेत्र के तौर पर उभरा है, जिसमें सस्टेनेबल डेवलपमेंट और कल्याण की दिशा में बड़ा योगदान करने की असीम संभावना है। कोविड-19 ने विभिन्न प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में लक्षित किए गए सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी) को पूरा करने में अलग-अलग देशों द्वारा की जा रही प्रगति की गति व परिणाम को अत्यधिक प्रभावित किया है।

पीएचएफआई और आईआईपीएच, दिल्ली के वाइस प्रेसीडेंट संजय ज़ोडपे ने कहा कि गोल 3 अन्य सभी एसडीजी के लिए योगदान देगा। एमएमआर एवं सीएमआर पर भारत के संकेतक भले ही कम हो गए हैं, लेकिन जब हम बांग्लादेश, श्रीलंका और इंडोनेशिया जैसे देशों के साथ तुलना करते हैं तो हम इस मामले में बहुत पीछे हैं।

25 वीं प्रदन्या के समापन पर एसडीजी चौपाल हैल्थ का विमोचन भी किया गया, जिसमें आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी एसडीजी चौपाल अलायंस का हिस्सा होगी। नागरिक फाउंडेशन और एसडीजी चौपाल के चेयरपर्सन दीपक द्विवेदी ने कहा कि हम आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी, जयपुर के साथ हुई इस साझेदारी से काफी खुश हैं और 25 वीं प्रदन्य एनुअल ग्लोबल कॉन्फ्रेंस इस साझेदारी की घोषणा करने के लिए एक बड़ा मंच है। शिक्षा, प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण, रिसर्च एवं आउटरीच सहित वॉलेंटियरी एक्शन के जरिए यूएन सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी) के कार्यान्वयन में तेजी लाना और इन्हें मजबूत करना एसडीजी चौपाल का मुख्य उद्देश्य है। आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी हैल्थकेयर रिसर्च के क्षेत्र में अग्रणी संस्थान है, जो गत 35 वर्षों से पब्लिक हैल्थ एजुकेशन तथा रिसर्च के लिए एक वैश्विक केंद्र है। हम इस जुडाव से बेहद खुश हैं क्योंकि यह हमें प्रदान किए गए समय के दौरान बेहतर अवसर प्रदान करने की अनुमति देगा।

कॉन्फ्रेंस के समापन समारोह के अवसर पर 'चेंजिंग साइंटिफिक पब्लिशिंग सिनेरियो' पर एडिटर्स पैनल डिस्कशन आयोजित किया गया। यूनिवर्सिटी ऑफ ह्यूस्टन के क्लीयर लेक, यूएसए के हैल्थकेयर एडमिनिस्ट्रेशन के प्रोफेसर डॉ. आशीष चंद्रा ने इसका संचालन किया। समापन समारोह में अलगप्पा यूनविर्सिटी के पूर्व कुलपति पी. रामासामी का विशेष संबोधन हुआ, जबकि मद्रास यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति एवं अश्वलिंगम यूनिवर्सिटी, तमिलनाडु के चांसलर प्रो. एस. पी. त्यागराजन ने मुख्य अतिथि के तौर पर समापन भाषण दिया। 25 वीं प्रदन्य एनुअल ग्लोबल कॉन्फ्रेंस के दौरान भारत व अमेरिका के हैल्थ मैनेजमेंट के यंग थोट लीडर स्टूडेंट्स द्वारा एक विशेष प्रदन्य सिल्वर जुबली सैशन भी आयोजित किया गया। अंत में आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के डीन (ट्रेनिंग) डॉ. शिव त्रिपाठी द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।