सांभर के नेहरू पार्क की चारदीवारी पर पूरी नहीं हो सकी अधूरी चित्रकारी

निवर्तमान बोर्ड ने पर्यटन के अनुरूप संवारने की बनायी योजना अब ठण्डे बस्ते में दम तोड़ चुकी है

सांभर के नेहरू पार्क पर अधूरी चित्रकारी अब चार साल में धुंधली पड़ चुकी है 
शैलेश माथुर

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सांभरझील। सांभर शहर के मध्य एवं राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के ठीक सामने सार्वजनिक नेहरू बालोद्यान को निवर्तमान भाजपा के बोर्ड के कार्यकाल के दौरान इसे पर्यटन के अनुरूप लुक देने, आने वाले सैलानियों को आकिर्षत करने के उद्देय से राजस्थान के इतिहास से जुडे अनेक महापुरूषों, स्थानीय धार्मिक स्थलों के अलावा राजस्थानी परम्परा के प्रतीक माने जाने वाले हाथी, घोड़ा व ऊंटों के चित्रों को चारदीवारी पर उकरने की जो योजना विगत चार साल पहले बनायी गयी थी वह पूरी तरह से धराशायी होकर राजनीतिक व प्रशासनिक ठण्डे बस्ते में दम तोड़ चुकी है। 

सांभर की जनता को उस वक्त सुनहरे सपने दिखाये गये थे और ऐसा माहौल क्रियेट किया गया था कि अब इस पार्क को जयपुर के रामनिवास गार्डन की तरह सजाया व संवारा जायेगा। तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की मेहरबानी के चलते उस वक्त सांभर में पर्यटन विकास के लिये अलग अलग चरणों में साठ लाख रूपये से अधिक की राशि मंजूर पर्यटन व पुरातत्व विभाग की ओर से जो काम कराये गये थे, उसको देखकर उसको देखकर नगरपालिका सांभर ने भी अपने हौंसले परवान पर चढाये थे, इसके लिये सरकार से सीधे पर्यटन कार्य के लिये नगरपालिका को भी अलग से फण्ड दिये जाने के लिये पत्राचार भी हुआ। 

इसके लिये पालिका ने अपने स्तर पर ही पार्क की चारदीवारी पर चित्रकारी करवाने का भी शुरू किया और महज कुछ फुट दूरी तक इस काम को करवाकर उसके बाद इसको हमेशा के लिये बंद कर दिया गया, जबकि बीते सालों में पालिका ने इस पार्क पर अनेक प्रकार के कामों पर काफी धन खर्च किया है, पहले चारदीवारी के प्लास्टर को छीले बगैर ही प्लास्टर कर यह दिखाने का प्रयास किया कि पार्क का काम हो रहा है, हालाकि पार्क के आगे के हिस्से को लोहे के सरियों से कवर्ड कर इसे नॉन पार्किंग जॉन घोषित कर दिया है, पार्क का बेहतरीन खुबसूरत फव्वारा आज तक ठीक होने को तरस रहा है। इस मामले में अनेक दफा पहले भी पालिका व यहां के राजनेताओं का ध्यान आकृष्ट करवाया जा चुका है, लेकिन लगता है कि नक्कार खाने में तूती की आवाज सुनने वाला कोई नहीं है। इस बारे में कुछ लोगों से बात की गयी तो उनका भी मन है कि इस पार्क पर चारदीवारी की चित्रकारी पूरी होनी चाहिये।