मन का बसंत तो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया : चौधरी


http//daylife.page

मनोहरपुर (जयपुर)। बसंत कब आता है और कब चला जाता है यह किसी को पता ही नहीं चलता क्योंकि कई लोग कमरतोड़ महंगाई व बेरोज़गारी से इतने व्यस्त रहते हैं कि उनको पता ही नहीं चलता कि बसंत कब आया और चला गया जबकि कई लोग बसंत का आनंद ऐसे आनंद लेते हैं जैसे कि वह खुशी से झूम उठे हो! आज का बसंत कहा इस विषय पर कुछ लोगों से चर्चा की गई जिस पर कुछ लोगों ने अपनी निम्न राय दी हैं। 

पंचायती राज कर्मचारी नेता ओमप्रकाश चौधरी ने कहा कि मन का बसंत तो आतंकवाद और उपवन का बसंत भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। ग्राम विकास अधिकारी शंकरलाल डोड़वाडिया ने कहा की कर्तव्यनिष्ठा, परिश्रम व ईमानदारी से कार्य करते रहते हैं जनता की भलाई के कार्य में अत्यधिक व्यस्त रहने के कारण पता ही नहीं चलता कि बसंत कब गुजर गया हैं। 

ग्राम विकास अधिकारी विजय कुमार घोषलिया ने कहा कि पूर्व में हिंदू मुस्लिम में आपसी प्रेम व भाईचारा प्रगाढ़ होता रहता था एक दूसरे के पर्व पर एक दूजे के गले लग कर शुभकामनाएं देते थे एक दूसरे की मान मनवार किया करते थे परंतु अब वह बातें दिखाई नहीं देती है! उन्होंने कहा कि आपसी मनमुटाव को दूर करे। मजदूर नेता अब्दुल अज़ीज़ लोहानी ने कहा कि तन की सुंदरता के साथ मन को भी सुन्दर बनाए, सदैव दिल का दरवाजा खुला रखे, आपसी प्रेम स्नेह व भाईचारा प्रगाढ़ करे।