‘काटेलाल एंड संस’ की मेघा चक्रवर्ती और जिया शंकर ने 17 साल की पावरलिफ्टिंग चैम्पियन ऋषिता जैन को उनकी शानदार सफलता पर बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने साबित कर दिया कि सपनों का कोई जेंडर नहीं होता
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मुम्बई। जब से सोनी सब ने काटेलाल एंड संस के आगे का ट्रैक 'खोल दिमाग का शटर' रिलीज़ किया है तबसे पूरा देश सिर्फ एक ही सवाल पूछ रहा है। सिर्फ रसोड़ा ही क्यों? इस शो का मुख्य सन्देश पहले से ही क्लियर था-सपनों का कोई जेंडर नहीं होता। इसी बात को सही साबित किया है 17 साल की ऋषिता जैन ने जिन्होंने जेंडर को लेकर व्या प्तथ रूढ़िवादी सोच के दायरे को तोड़ते हुए हमारे देश का गौरव बढ़ाया और कनाडा में 2019 में आयोजित कॉमनवेल्थै पावरलिफ्टिंग चैम्पियनशिप में भारत के लिए 16 साल की कम उम्र में चार स्वर्ण पदक जीते।
ऋषिता का सफर बस अभी शुरू हुआ है और इस समय वह अपने कॅरियर में खूब उंचाइयों को छू रही है, वह हम सभी को एक बहुत ही महत्वपूर्ण मैसेज देती है- कि सपनों पर कोई नियंत्रण नहीं होता, वह किसी भी सीमा को नहीं जानते। फिर हम क्यों हमारे सपनों को किसी भी व्यक्ति के जेंडर द्वारा परिभाषित करते हैं।
असली कहानी से प्रेरित, सोनी सब का शो काटेलाल एंड संस, गरिमा और सुशीला की कहानी है जिसे मेघा चक्रवर्ती और जिया शंकर द्वारा निभाया गया है जो कुछ मुश्किल आने के बाद रोहतक में लोकल पुरुषों का हेयर सैलून चलाने के लिए अपने पिता के व्यवसाय का पूरा ज़िम्मा लेती हैं। हालांकि, वह अपनी दुकान की ज़िम्मेदारी अपनी बेटियों को देने के लिए तैयार नहीं होते क्योंकि उनका ऐसा मानना है कि इस तरह के प्रोफेशन को संभालने के लिए लड़कियां नहीं बनी हैं।
जबकि मेघा और जिया का लक्ष्य अपने दर्शकों को 'सपनों का कोई जेंडर नहीं होता' इस मैसेज से लोगो को असल ज़िंदगी में प्रेरित करना है, तो वहीं ऋषिता ने रियल लाइफ में एक बहुत ही ज़बरदस्त मिसाल कायम की है। सोनी सब के काटेलाल एंड संस की मेघा चक्रवर्ती और जिया शंकर इस युवा टैलेंट को बधाई देते हुए और उस क्षेत्र में कामयाबी हासिल करने के लिए जिसे पुरुष-प्रधान खेल माना जाता है, ऋषिता को एक खास मैसेज दिया।
मेघा चक्रवर्ती ने ऋषिता जैन को उनकी शानदार कामयाबी के लिए बधाई देते हुए कहा, यह जीत जितनी भी लड़कियां और महिला हैं उन सभी के लिए एक गर्व का पल है। कुछ भी ऐसी चीज़ नहीं है जो महिला नहीं कर सकती, और मुझे मज़बूती से इस बात पर विश्वाएस है कि अगर आपने अपने दिमाग में कुछ ठान लिया है तो आप उसे पूरा करके ही रहते हैं। हालांकि अभी भी महिलाओं को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए इस चीज़ को लेकर जेंडर के बारे में लोगो की धारणाएं बनी हुई हैं। हमारा शो काटेलाल एंड संस जोकि जेंडर को लेकर रूढ़िवादी सोच रखने वाले लोगों को हराने के लिए मज़बूती से खड़ा हुआ है और अपने सपनों को पूरा करना और सच के लिए खड़े रहना ही ऋषिता की असली जीत है। जबकि हम लोग आगे गरिमा और सुशीला के सपनों को पूरा करने और उनकी इच्छाओं को पूरा करने की कहानी के बारे में बात करेंगे, ऋषिता ने इसे हकीकत में बदल दिया है और मैं उसकी कामयाबी पर बहुत गर्व महसूस कर रही हूं। वह सभी महिलाओं के लिए एक सच्चा उदाहरण है और मैं उनकी इस शानदार जीत के लिए उन्हें बधाई देती हूं।
जिया शंकर ने ऋषिता की इस अभूतपूर्व सफलता पर अपनी ख़ुशी व्यक्त करते हुए कहा, मैं ऋषिता को उन सभी कामयाबी के लिए बधाई देना चाहती हूं जो उन्होंने अब तक हासिल की है। जेंडर भूमिका के प्रति हमारे समाज की सीमित सोच की परवाह किए बिना और अपने सपनों को फॉलो करके जीत हासिल करने का यह एक बहुत अच्छा उदाहरण है। ऋषिता ने सही मायने में संदेश दिया - अपने सपनों को अनजेंडर करो। कहीं न कहीं, ऋषिता का जुनून मेरी स्कीन पर सुशीला की जो भूमिका है उसी की तरह है। वह साहसी और मज़बूत है और वह अपने सपनों को सच करने के लिए कड़ी मेहनत करती है। उन्होंने न सिर्फ पावरलिफ्टिंग जैसे पुरुष-प्रधान गेम को जीता है, बल्कि उन्होंने इस तथ्य को भी सच किया है कि सपने और जुनून में कोई बाधा नहीं होती। खुद को और शक्तिशाली बनाओ और मैं भविष्य में उसकी जीत के लिए शुभकामनाएं देती हूं।