20 जनवरी 2021 की रात साढ़े दस बजे पूरी दुनिया के लिए तो जश्न मनाने का वक़्त था, लेकिन फिलहाल, तो तमाम भारतीय एकमत होंगे कि उनके लिए इस घड़ी के मायने कुछ ज़्यादा ही थे। एक तो पहली बार महाबली अमेरिका में कोई महिला उप राष्ट्रपति पद की शपथ ले रही थी और इससे बड़ी दूसरी बात यह कि उक्त 56 वर्षीय महिला कमला हैरिस भारतीय मूल ऊर्फ़ तमिलनाडु से आती हैं। यह बात और है कि उनके पति उन्हीं के जैसे जमैका निवासी अश्वेत हैं। नोट करें कि नव नियुक्त जोसेफ जूनियर बाइडेन जो 78 वर्ष में भी भरपूर एनर्जेटिक हैं का सारगर्भित, सटीक, विश्लेणात्मक एवं एकदम कसा हुआ भाषण पूरी दुनिया को विश्वास में लेने वाला था। शपथ ग्रहण करने के बाद का उक्त भाषण एक भारतीय मूल के बंदे विनय रेड्डी ने लिखा था।
सनद रहे कि भारत के लोग कोई भी बात शान्ति एवं सौहार्द के दर्शन को आधार बनकर ही कहते है। वैसे उक्त भाषण का हिंदी अनुवाद जंचने वाला नही था लेकिन बातें तो समझ में आ रही थी। भारत में भी प्रथा रही कि लगभग सभी राष्ट्रपति लिखा भाषण ही पढ़ते रहे हैं लेकिन स्व. जैलसिंह यदा कदा इस बंदिश से बाहर भी आ जाया करते थे, मग़र बाइडेन ने विनय रेड्डी की ही स्क्रिप्ट पढ़ी। इस भाषण की विशेषता यह भी रही कि शायद एक जुमला भी घुमा फिरा कर नहीं कहा गया या शब्दों की बाजीगरी नहीं दिखाई गई। बाइडेन ने अमेरिकी लोकतंत्र के प्रति पूरी आस्था बार-बार प्रकट की। इससे यही संदेश जाता है कि वे दुनिया के अन्य देशों के घरेलू मसलों में बैठे-बैठे दखलंदाजी नहीं देंगे। इस बात का तो सभी देशों को अधिकार है न कि वे प्रत्येक के दिशा में प्रगति करें और अमेरिका को जो जगत चौधरी मानने का चलन है, उस फलसफे से अब जल्दी से जल्दी छुटकारा पाने की कोशिश करें।
सबसे पहले स्व. श्रीमति इंद्रा गांधी ने यह अमेरिका के विरूद्ध उक्त जोखिम उठाकर बताया था, जब अमेरिका के तत्कालीन नकचढ़े राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने उन्हें एक सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश की चुनी हुई प्रधानमंत्री होते हुए व्हाइट हाउस में लगभग 45 मिनट बैठाकर इंतजार करवाया था। यह उसी दौर के आसपास का ज़िक्र है, जब निक्सन महोदय ने इन्दिराजी को अंग्रेजी में उल्टा सीधा बोला था, वजह थी इसी लोह महिला ने तब के सोवियत रूस से 20 साल की शान्ति सन्धि पर दस्तखत करने का हौसला दिखाया था। साथ ही राजस्थान के पोखरण में पहला सफल परमाणु विस्फोट करवाया था।
इतना विषयांतर करने की आवश्यकता इसलिए पड़ रही है कि जो बाइडेन ने उक्त स्पीच डाइरेक्टर विनय रेड्डी सहित 15 भारतीय मूल के लोगों को संवेदनशील पदों पर तैनाती दी है। उप राष्ट्रपति कमला हैरिस भारतीय मूल की महिला हैं सो अलग और एक अच्छी बात यह कि इस टीम में भी महिलाओं की तादाद ज़्यादा है। अब क्यों नहीं मान लेना चाहिए कि बाइडेन जिस भी विदेश नीति को बढ़ाएंगे, उन्हें उक्त टीम भारत को लेकर उचित राय देगी और फिर कोरोना के अंधड़ के बावजूद भारत एक सम्हली हुई अर्थव्यवस्था एवं स्वास्थ्य व्यवस्था साबित हुई है। भारत को जितनी ज़रूरत अमेरिका की है, उससे रत्तीभर भी कम अमेरिका को हमारी आवश्यकता नहीं है।
बाइडन के उक्त सलाहकारों की टीम में शामिल हैं गौतम राघवन, डिप्टी डायरेक्टर व्हाइट हाउस, नीरा टण्डन, डायरेक्टर ऑफ मैनेजमेंट एण्ड बजट, डॉ. विवेक मूर्ति, अमेरिकी सर्जन जनरल, वनीता गुप्ता, एसोसिएट अटॉर्नी जनरल, डिजीओ, उजरा जेया, अंडर सेक्रेटरी सिविलियन सिक्युरिटी, सबरीना सिंह, व्हाइट हाउस प्रेस सेक्रेटरी, माला अडिगा, फर्स्ट लेडी की डिजिटल सेक्रेटरी, आयशा शाह पार्टनरशिप मैनेजमेंट, डिजिटल स्ट्रेटेजी, समीरा फ़ज़ीली, डिप्टी डायरेक्टर एनएसी, वेदांत पटेल, व्हाइट लोअर प्रेस, तरुण छाबड़ा, सीनियर डायरेक्टर, टी एण्ड एस, सुमोना गुहा, सीनियर डायरेक्टर फ़ॉर साउथ एशिया तथा सोनिया अग्रवाल, एडवाइजर, क्लाइमेट पॉलिसी। भारत को लेकर बाइडेन की सकारात्मक नीति होने का एक संकेत यह भी है कि उन्होंने अपने मंत्रिमंडल में अश्वेत एवं महिलाओं को पचास प्रतिशत जगह दी है।
जहाँ डोनाल्ड ट्रम्प लगातार दो बार राष्ट्रपति रहे। बराक ओबामा का मीडिया में महा अज्ञानी कहकर अपमान किया करते थे, वहीं बराक ओबामा जो कि पहले अश्वेत राष्ट्रपति थे ने एक तरह से जो बाइडेन के समर्थन में प्रचार ही नहीं किया, बल्कि उनके शपथ समारोह में भी आए। अमेरिकी नेवी के पूर्व एडमिरल जेम्स स्टिवइडिंग ने बाइडेन सरकार के बारे में कहा है कि यह एक ऐसी मिनिस्ट्री होगी, जिसकी केमिस्ट्री एक टीम के जैसी साबित होगी। अब अमेरिका नम्बर वन के पचड़े में न पड़कर पूरी दुनिया से हाथ मिलाकर काम करने को तैयार रहेगा। ट्रम्प तो नारों की सरकार चला रहे थे, लेकिन बाइडेन कर्म में विश्वास रखते हैं। कहा जा सकता है कि बाइडेन एक प्रकार से विभाजित हुए अमेरिका को फिर से यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका की शक्ल देंगे। भारत के पीएम ने भी तो सकारात्मक टिप्पणी की है कि हम साझा चुनोतियाँ का सामना करने एवं वैश्विक शान्ति सुरक्षा के लिए एक साथ खड़े हैं। (लेखक के अपने विचार एवं अध्ययन है)
(वरिष्ठ स्वतंत्र पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक)
इन्दौर। 9893518228