प्रारूप सच्ची आस्था का ?

लेखिका : रश्मि अग्रवाल

नजीबाबाद, 9837028700

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आधुनिक भारत व उसके विकास में देश के प्रत्येक भावी नागरिक का योगदान होता और स्वयं के लक्ष्य पूर्ण करने का सपना भी। पर इसके लिए हम सभी को प्रेम व त्याग की भावना से आत्मसात् होना होगा। अनुराग की भावना को जागृत करना और ये सब तब ही संभव, जब हम निज़ी स्वार्थ से ऊपर उठकर कार्य करेंगे और ऐसी जीवनशैली अपनायेंगे जिसमें प्रेम हो पर आसक्ति नहीं, सुविधायें हों पर स्वार्थ नहीं, आधुनिकता हो पर अश्लीलता नहीं, पद हो पर अभिमान नहीं। इसलिए जीवन के विस्तृत धरातल पर फैली, घटनाएँ, परिकल्पनाएँ और व्यवस्थाओं के मध्य सामाजिक गतिविधियों से तालमेल बिठाकर, जीवन यापन करना देश के व स्वयं के प्रति सच्ची आस्था का प्रारूप क्योंकि जो देश हमें सबकुछ देता क्या हम उसे कुछ भी न दे?