भाई अनुपम जी अनुपम थे और अनुपम ही रहेंगे : ज्ञानेन्द्र रावत


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आज महान पर्यावरणविद,कालजयी पुस्तक "आज भी खरे हैं तालाब" के रचियेता, समाजवादी युवजन सभा, जे पी और चिपको आंदोलन व चम्बल के डाकुओं के समर्पण में अपनी अहम भूमिका निबाहने वाले साथी भाई अनुपम मिश्र जी की चौथी पुण्य तिथि पर श्रृद्धा सहित आदरांजलि।

मुझे आज भी स्मरण है कि उन्होंने अपनी पुस्तक "आज भी खरे हैं तालाब" देते हुए लिखा था--


ऐसे महान पर्यावरण चेतना के विलक्षण यायावर भाई अनुपम जी सदा सदा स्मृति में जीवंत रहेंगे। सादर...