दीपावली पर विशेष :
लेखिका : रश्मि अग्रवाल
नजीबाबाद, 9837028700
http//daylife.page
लक्ष्मी से जुड़े समृद्धि के तारों का अर्थ ही बदल गया। गम्भीरता से दीपावली पर चिंतन-मनन करें तो साधारण से मिट्टी के दीये, जिसके बिना दीपावली अधूरी, के जीवटता की कहानी प्रेरणा ले सकते कि उसे सिर्फ अमावस की रात्रि में अपने प्रकाश से प्रत्येक भारतवासी के जीवन में सुख-शांति व समृद्धि से लगाव क्योंकि वो देश की वास्तविक समृद्धि का दीया जो अनेक थपेड़ों, आक्रांताओं की अवहेलना करता, मन्द-मन्द मुस्कुराता टिमटिमा रहा है। आज समयभाव के कारण नवीन तकनीकों से पौराणिक आत्मीयता की मात्र औपचारिकता में परिवर्तित कर दीपावली जैसे सुमधुर त्योहार के अर्थ ही बदलते जा रहे कि सिक्कों की खनखनाहट ही समृद्धि का द्वार है?