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ग्वालियर। गोपाल किरन समाजसेवी संस्था एवं जिला बाल अधिकार फोरम के संयुक्त तत्वावधान में चाइल्ड राईट् आब्जवेटरी के मार्गदर्शन में बाल सप्ताह दिनांक 14-20 नवम्बर 20 का आंरभ बच्चों ने अपने घरों पर शिक्षा, स्वास्थ, सुरक्षा विषय पर रंगोली बनाकर किया। इस संदेश से उन्हांने सभी का संवेदनशील होने और समाज को बच्चों के प्रति जागृत रहने का आहवान किया कि वे बच्चों के इन मुद्दों को नजरअंदाज न करें।
जिला बाल अधिकार मंच के संयोजक एवं गोपाल किरन समाजसेवी संस्था अध्यक्ष श्रीप्रकाश सिंह निमराजे, जहाॅंआरा, वीडियो वोलेन्टियर, गोवा, ने दीपावली की धारणा पर बताते हुये दीप्दानोत्सव की बधाई एवं मंगलकामनायें बौद्व, धम्म के प्रर्वतक गौतम बुद्ध जब 17 वर्ष बाद अनुयायियों के साथ अपने गृह नगर कपिलवस्तु लौटे तो उनके स्वागत में लाख दीप जलाकर दीप्दानोत्सव मनाया गया साथ ही महात्मा बुद्ध ने अपने ''अप्पों दीपो भव'' का उपदेश देकर दीपनोत्सव को नया आयाम प्रदान किया था। बच्चों को अधिकारों से अवगत कराते हुये बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा एवं संवर्धन बात रखी। सभी बालक/बालिकाओं के मध्य श्रीप्रकाश सिंह निमराजे ने बाल अधिकार को लेकर बात रखी। उन्होंने बताया गया कि उनके कौन --कौन से अधिकार हैं, उनका केसे उपयोग किया जा सकता हैं और निःशुल्क शिक्षा अधिकार पर बात करते हुये इस अनिनियम के तहत ऐसे बच्चों को नामांकित कराये जिनका अभी तक नामांकन नहीं हुआ हैं। बाल अपराध और बाल मजदूरी के संदर्भ में समझाया। बाल दिवस पर बच्चों के अधिकार और सुरक्षा स्वास्थ्य शिक्षा इत्यादि विषयों पर बच्चों को संबोधित किया गया। जहाॅंआरा ने बच्चों को मुख्यधारा से जोडने की बात रखते हुये उनके लिये अभियान चलाये जाने की बात कही और कहा कि उनके साथ दोस्ताना माहौल में ऐसे बच्चों को स्कूल भेजने और उनके पुनर्वास और इलाज की व्यवस्था भी सुनिचित न होने पर चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई है। उसके लिये कार्य करने की जरूरत है। बच्चों ने क्षेत्र में गंभीर मुद्दों पर जिक्र किया। जिनसे वे ज्यादा पीडित हैं उस पर खुलकर अपनी बात को रखी। बच्चों में जागरूकता आये और बच्चे अपने अधिकरों के प्रति सचेत रहें और दूसरे बच्चों को प्रेरित कर सकें। बच्चों को कोविड-19 के संदर्भ में मास्क और सैनिटाइजर मात्र एक उपाय है इस संदर्भ में भी जानकारी प्रदान की गई।
मुख्य भूमिका राधा सेनी, अर्चना सागर की रही जिन्होंने बच्चों को इसके लिये प्रेरित किया। दीर्घा सिंह, कु. काजल सेनी की रंगोली प्रभावी एवं आकर्षण रही। बाल सप्ताह के तहत संकल्प ले कि उत्सव के साथ बच्चों के जीवन में आशा लायें, दीप जलाकर बाल शोषण के अंधकार को दूर करें एक दिया बाल शोषण समाप्त करने के लिये जलायें ओर संकल्प करे कि मैं बच्चों की सुरक्षा के लिये आवाज बनूॅगां । बच्चों की आवाज को देने में प्रतीक, वर्ल्ड विन इंडिया भी प्रयास को जारी रखे हैं जिसमें संस्था का जुडाव व सहयोगी की भूमिका निर्वाह कर रही है।