पेट्रोलियम रिफायनरी इकाइयों के अधिकांश कार्य प्रगति पर :  डॉ. अग्रवाल


पेट्रोलियम रिफायनरी इकाइयों पर सितंबर तक साढ़े चार हजार करोड़ खर्च 


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जयपुर। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइन्स एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया है कि एसपीसीएल राजस्थान रिफायनरी (एचआरआरएल) की इकाइयों में आधारभूत संरचनाओं के काम में तेजी आई है वहीं रिफायनरी परियोजना में 4654 करोड़ रु. के काम पूरे हो चुके हैं। 


डॉ. अग्रवाल ने बताया कि रिफायनरी के मुख्य वेयर हाउस का निर्माण कार्य पूर्ण होने के साथ ही रिफायनरी राजस्थान सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है और यही कारण है कि राज्य सरकार और रिफायनरी प्रबंधन का संयुक्त प्रयास है कि रिफायनरी परियोजना का कार्य निर्धारित समय सीमा अक्टूबर, 22 तक पूरा कर मार्च, 23 तक व्यावसायिक उत्पादन प्रारंभ हो सकेगा। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के कारण प्रभावित कार्य को तय समय सीमा में पूरा करने की रिफायनरी प्रबंधन द्वारा रणनीति तय की गई है।


एसीएस माइन्स एवं पेट्रोलियम ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से बाड़मेर रिफायनरी एसपीसीएल राजस्थान रिफायनरी की बोर्ड मीटिंग में रिफायनरी परियोजना की प्रगति और रोडमेप के अनुसार तय समय सीमा में कार्य पूरा कराने के सभी बिन्दुओं पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि एचपीसीएल और राजस्थान सरकार के इस संयुक्त उद्यम की खास बात यह है कि यहां रिफायनरी और पेट्रोकेमिकल कॉम्पलेक्स दोनों एकीकृत रुप से बन रहे हैं। रिफायनरी में बीएस अप मानक के उत्पाद का उत्पादन होगा।


डॉ. अग्रवाल ने बताया कि रिफायनरी में 9 रिफायनरी व 4 पेट्रोकेमिकल सहित 13 प्रोसेस इकाइयां स्थापित होंगी जिसकी बेसिक डिजाइन इंजीनियरिंग का कार्य पूरा करा लिया गया है।  रिफायनरी साइट पर ही 20950 घनमीटर के जलाषय का निर्माण हो गया है और नाचना व टाउनषीप जलाषय का काम प्रगति पर है। इसी तरह से बाड़मेर क्रूड ऑयल पाइप लाइन, प्रातिक गैस एवं पानी की पाइप लाइन बिछाने के सर्वे का काम पूरा हो गया है वहीं आयातीत अरब मिक्स क्रूड ऑयल पाइप लाइन बिछाने का सर्वे कार्य जारी है। बांगूडी से रिफायनरी तक पानी की पाइप लाइन बिछाने का काम लगभग पूरा हो गया है।


एचआरआरएल के सीएमडी श्री एमके सुराणा ने परियोजना के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि बाड़मेर रिफायानरी देश की सबसे बड़ी और महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है।  उन्होंने बताया कि 43129 करोड़ रु. की लागत से तैयार हो रही रिफायनरी के लिए सितंबर माह के अंत तक 4654 करोड़ रु. के विभिन्न निर्माण व अन्य कायोर्ं के 22 हजार 495 करोड़ रु. के क्रयादेष दिए जा चुके हैं।


उन्होंने ने बताया कि रिफायनरी में साढ़े चार हजार करोड़ से अधिक का कार्य कराए जा चुके हैं। रिफायनरी में सभी क्षेत्रों में कार्य ने गति पकड़ी ली हैं। प्रबंधन द्वारा चुनौती के रुप में लेते हुए काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कोरोना लॉकडाउन के कारण परियोजना कार्य प्रभावित हुआ है पर इसे तय समय सीमा में पूरा करने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। बैठक में एचआरआरएल के निदेशक मंडल के सदस्यों ने हिस्सा लिया।