फाइल फोटो ; सत्येंद्र पाल सिंह सोलंकी
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एटा। उत्तर प्रदेश। स्थानीय वर्णी जैन इंटर कालेज के क्रीड़ाध्यक्ष रहे सत्येंद्र पाल सिंह सोलंकी के दिल्ली में बेटे के आवास पर हुए असामयिक निधन पर पर्यावरणविद ज्ञानेन्द्र रावत ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि सत्येन्द्र सोलंकी का निधन एटा के क्रीड़ा जगत की अपूरणीय छति है। वह मेरे स्कूल, जीआईसी के अभिन्न सहपाठी ही नहीं, एक अच्छे खिलाड़ी , एक कुशल प्रशिक्षक, शिक्षक और बेहतरीन इंसान भी थे। ईश्वर उन्हें अपने चरणों में स्थान दे, यही परमपिता परमात्मा से प्रार्थना करते हैं।
श्री सोलंकी की सबसे बड़ी खूबी यह रही कि उन्होंने जनपद में न केवल खेलों को प्रोत्साहन दिया बल्कि खेल प्रतिभाओं के उत्तरोत्तर विकास में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन भी किया। वह थे तो वर्णी जैन इंटर कालेज में लेकिन जनपदीय स्तर पर खेलों के विकास में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। खिलाड़ियों के लिए वह प्रेरणा स्रोत थे ।जहां तक उनमें संस्कारों और शालीनता की बात है, यह गुण उन्हें विरासत में मिले। गौरतलब है कि इसके लिए तो इनके परिवार की मिसाल तक दी जाती है। इनके पिता डिप्टी एसपी वैरिस्टर सिंह की प्रशासनिक क्षमता की और इनके अग्रज वीरेन्दर पाल सिंह सोलंकी जो अखिल भारतीय कांग्रेस सेवादल के संघटक रहे हैं, की तो क्षेत्र में और देश में काफी प्रतिष्ठा है। आज यकायक सत्येन्द्र सोलंकी का हम सबके बीच से चला जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है । वह सदैव याद आयेंगे। इसमें दो राय नहीं।