ऊषा के कृषि स्प्रेयर्स कैसे थकान को कम करते हैं


ऊषा इंटरनेशनल ने बुवाई के इस मौसम में किसानों को कृषि स्प्रेयर्स की अपनी स्प्रेमैक्स रेन्ज से परिचित कराने के लिये शुरू किया रेडियो कैम्पेन 


यह कैम्पेन दर्शाता है कि आधुनिक प्रौद्योगिकी से युक्त ऊषा के कृषि स्प्रेयर्स कैसे थकान को कम करते हैं और फसलों के उत्‍पादन को बढ़ाते हैं


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नई दिल्ली। भारत की एक अग्रणी कंज्यूमर ड्यूरेबल कंपनी ऊषा इंटरनेशनल ने कृषि स्प्रेयर्स की अपनी स्‍प्रेमैक्‍स रेंज से किसानों को परिचित कराने के लिये एक रेडियो कैम्पेन लॉन्‍च किया है। इसका प्रसारण इस महीने के अंत में होगा। इस रेडियो कैम्‍पेन को विभिन्न राज्यों जैसे कि जम्मू और कश्मीर, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान और तमिलनाडु में कई कृषि एवं स्वास्थ्य कार्यक्रमों में चलाया जा रहा है। 


इस लॉन्‍च पर टिप्पणी करते हुए पावर प्रोडक्ट्स के असिस्‍टेंट वाइस प्रेसिडेंट संदीप सक्सेना ने कहा, भारत को कृषि अर्थव्यवस्था का बोध हो रहा है, इसलिये यहाँ कृषि का पुनरूत्थान हो रहा है, तो प्रमुख बात है अधिकतम उपज पाना। अच्छा मानसून हमेशा काम आता है, लेकिन साथ ही अन्य पहलूओं पर भी ध्यान दिया जाना चाहिये, जिनमें से एक है विभिन्न प्रकार के संक्रमण और क्षति, और अच्छी फसल के लिये जिनकी रोकथाम होनी चाहिये। ऊषा में हम डीजल/पेट्रोल और इलेक्ट्रिक पम्प सेट बनाने में अग्रणी हैं और हम खेती के मशीनों की तकनीक में नवाचार करना चाहते हैं, ताकि किसानों की अच्‍छी क्‍वालिटी वाली फसलें मिलें और और उनकी पैदावार भी बढ़े। यह कैम्पेन ऊषा के खेती में काम आने वाले स्प्रेयर्स के उपयोग से होने वाले लाभों पर जागरूकता फैलाने के लिये है।


ऊषा की स्प्रेमैक्स रेन्ज उच्च-दबाव, दूर तक छिड़काव करने की क्षमता, सटीक छिड़काव के लिये स्थिर फुहार और जेट स्प्रे की पेशकश करती है। किसान मुख्‍य रूप से इनका उपयोग हर्बिसाइड, फंगीसाइड और वीडीसाइड की रोकथाम के लिये करते हैं। ऊषा के कृषि स्प्रेयर्स में मैनुअल स्प्रेयर्स से लेकर फोर-स्ट्रोक इंजिन पावर्ड नैपसैक स्प्रेयर तक शामिल हैं। इनमें बैटरी से चलने वाले स्प्रेयर्स भी हैं, जो ज्यादा समय तक चलते हैं और लगातार उच्च दबाव बनाये रखते हैं।