सोनी सब के ‘तेनाली रामा’ की आसिया काज़ी
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मुम्बई। सोनी सब का फिक्शन शो ‘तेनाली रामा’ प्राचीन कहानियों और महान विद्वान तथा कवि तेनाली रामा के कारनामों के जरिये लगातार दर्शकों का दिल जीत रहा है। साथ ही उन्हें विजयनगर की सैर करा रहा है। इस शो में शारदा की भूमिका निभा रहीं, आसिया काज़ी ने अपनी चुलबुली, जोश से भरी, हास्य भूमिका से लाखों दिल जीत लिये हैं। उनका मानना है कि वास्तविक जीवन में भी उन्हें शारदा की कुछ खूबियों को अपनाने में मदद मिल रही है।
इस बारे में पूछने पर कि क्यों शारदा की भूमिका उनके करियर में सबसे ज्यादा अहमियत रखती है, इस बारे में आसिया कहती हैं, यह पहली बार है कि ‘तेनाली रामा’ के साथ मैंने कॉमेडी जोनर में काम किया है। कॉमेडी को लेकर मेरे दिमाग में एक तरह का डर था, क्योंकि मुझे लगता था कि मैं ऐसे किरदार में फिट नहीं हो सकती, जिसमें कि कॉमेडी हो। मेरे दिमाग में काफी लंबे समय तक यह डर बना रहा और इसलिये मैंने किसी ऐसे शो के लिये कभी ऑडिशन नहीं दिया, जो कॉमेडी से जुड़ा हो। जब ‘तेनाली रामा’ शो आया तो कुछ नया करने और अपने डर को दूर करने के लिये, मैंने ऑडिशन दिया। मुझे पूरा विश्वास नहीं था कि मैं इस भूमिका के लिये चुनी जाऊंगी या नहीं, लेकिन किस्मत से मैं चुन ली गयी। यह कहते हुए खुशी महसूस होती है कि मैंने शारदा से कॉमेडी जोनर में कदम रखा। यह हमेशा ही एक मिसाल होगी।
शुरुआत में उन्हें किस तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा, इस बारे में आसिया कहती हैं, मैंने कॉमेडी में हाथ आजमा कर और शारदा का किरदार पाकर अपने डर पर जीत हासिल कर ली, लेकिन मेरे लिये तो यह सफर अभी शुरू ही हुआ था। शुरू-शुरू में मैं काफी डरी हुई थी। मुझे लग रहा था कि क्या मैं इस किरदार को अच्छी तरह निभा पाऊंगी और मुझे अभी भी लगता है कि कॉमेडी जोनर काफी मुश्किल है। इस शो में जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया जाता है उसको लेकर मैं थोड़ी परेशान थी। मुझे याद है मैं रोज हिन्दी न्यूजपेपर पढ़ रही थी और अपनी स्क्रिप्ट पहले ही मांग लेती थी और भाषा को समझने के लिये उसे पूरा पढ़ती थी।
मैं लाइनें याद करने पर यकीन नहीं करती हूं, इसलिये सबसे पहले मैंने उस भाषा को सीखा और फिर लाइनें बोलने की कोशिश की। उनके किरदार ने किस तरह से उनकी जिंदगी को प्रभावित किया है और उन्होंने शारदा से क्या चीजें सीखी हैं, इस बारे में बताते हुए आसिया कहती हैं, शारदा का मेरा किरदार काफी चुलबुला और मुंहफट है। उसकी अच्छी बात जो मुझे पसंद है वह है तनाव या किसी भी परेशानी से निपटने का उसका बेहतरीन तरीका। शारदा सकारात्मक रहती है और वह समस्याओं को सुलझाने की कोशिश करती है। वह काफी खुशमिजाज है और मुझे लगता है कि यह ऐसा गुण है जिसे मैं अपने जीवन में उतारना चाहूंगी क्योंकि मैं छोटी-छोटी बातों की चिंता करती हूं और चीजों को लेकर कुछ ज्यादा ही सोचती हूं। वैसे मैं तो पहले से ही रोज थोड़ी-थोड़ी शारदा बनने की राह पर हूं। मुझे उम्मीद है कि मैं किसी भी समस्या का हल तुरंत ढूंढने की कोशिश कर पाऊंगी।