एण्ड टीवी के दो शोज़ ‘एक महानायक डाॅ. बी.आर. आम्बेडकर’ और ‘संतोषी मां सुनाएं व्रत कथाएं’ की शूटिंग हुई शुरू
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मुम्बई। तीन महीने के लाॅकडाउन के बाद एण्ड टीवी ने अपने दो शोज़ ‘एक महानायक डाॅ.बी.आर आम्बेडकर’ और ‘संतोषी मां सुनाएं व्रत कथाएं’ की शूटिंग शुरू कर दी है। सारे दिशानिर्देशों और सावधानियों को ध्यान में रखते हुए, यह शूटिंग क्रमशः 26 जून और 25 जून से शुरू हो रही है। सेट पर पहुंचने वाले चुनिंदा कलाकार और क्रू के सदस्य इतने लंबे समय के बाद ‘लाइट्स, कैमरा और एक्शन’ शब्द सुनकर अपनी खुशी और उत्सुकता को रोक नहीं पा रहे थे। संतोषी मां की भूमिका निभा रहीं, ग्रेसी सिंह जब अपने शो के सेट पर पहुंचीं तो कैमरा रोल होने के साथ सभी लोग काफी खुश और पूरी तरह तैयार थे। कुछ ऐसा ही हाल जगन्नाथ निवानगुने (रामजी मालोजी सकपाल की भूमिका निभा रहे हैं) और नेहा जोशी (भीमाबाइ की भूमिका निभा रही हैं) का भी हुआ।
शूटिंग के पहले दिन के बारे में बताते हुए, ‘संतोषी मां सुनाएं व्रत कथाएं’ में संतोषी मां बनीं, ग्रेसी सिंह कहती हैं, जब मुझे शूटिंग शुरू करने की तारीख के बारे में बताया गया तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था। मैंने जरूरी सामानों और मेकअप को सैनेटाइज कर अच्छी तरह अपना बैग तैयार कर लिया। इतना ही नहीं अपने किरदार का आउटफिट भी मैंने निकाल कर रख लिया था, जिसे मैंने घर से सेट तक पहना था। सेट पर बस दो से तीन बार टच अप किया गया। मुझे वैसा ही महसूस हो रहा था, जैसा कि इस शो की शूटिंग के पहले दिन महसूस हो रहा था। जब हम सेट पर पहुंचे तो हमारा टेम्परेचर और शरीर में आॅक्सीजन के स्तर की जांच की गयी। हम सबने भारतीय अंदाज में यानी नमस्ते करके एक-दूसरे का स्वागत किया। इसके तुरंत बाद फटाफट चर्चा हुई। सेट पर बहुत कम संख्या में लोग थे और मेरे साथ-साथ सबने मास्क पहना हुआ था। सेट पर जगह-जगह सैनेटाइजर की बोतलें और स्प्रे रखे हुए थे। यह थोड़ा अलग तरह का अनुभव था, लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि हम सबको जल्द ही इसकी आदत हो जायेगी।
जगन्नाथ निवानगुने, ‘एक महानायक डाॅ. बी.आर आम्बेडकर के रामजी मालोजी सकपाल इस बारे में कहते हैं, जब मैंने यह शो साइन किया था, मैंने चांगदेव भवनराव खैरमोडे की किताब ‘डाॅ. भीमराव रामजी आम्बेडकर’ पढ़ना शुरू किया था। लेकिन शूटिंग की व्यस्तता की वजह से मैं पूरी किताब नहीं पढ़ पाया। लेकिन अब मैंने किताब के आठों हिस्से पढ़ लिये हैं। नेहा और स्मृति के साथ बाकी कलाकारों को देखकर बहुत अच्छा लगा। हम सबने नमस्ते कहकर एक-दूसरे का अभिनंदन किया। मैं अपने सैनिटेशन किट के साथ पूरी तरह तैयार था, लेकिन सेट पर भी हमारे लिये वह रखा गया था। हमारा टेम्परेचर मापा गया। इसके साथ ही इस बात का ध्यान रखा जा रहा था कि हम नियमित रूप से अपने हाथों को सैनेटाइज करें और आॅफ-कैमरा मास्क पहने रहें। आगे आने वाले ट्रैक के लिये हम काफी उत्सुक हो रहे हैं। वह बाबासाहेब के जीवन की एक और उपलब्धि के बारे में है।
नेहा जोशी, ‘एक महानायक डाॅ. बी.आर आम्बेडकर’ की भीमाबाई कहती हैं, जगन्नाथ और हमारे डायरेक्टर इम्तियाज़ जी जी के साथ अपने रीडिंग और रिहर्सल के सेशन की बहुत याद आ रही थी। मैं सालों से खुद से ही साड़ी पहनती आ रही हूं और पिछले कुछ महीनों से मुझे बहुत खल रहा था कि मैं उसे पहन नहीं पा रही हूं। इसलिये, मुझे खुशी महसूस हो रही है कि अब मैं एक बार फिर साड़ी लुक में आ पाऊंगी। सेट पर सबसे मिलने की उत्सुकता ऐसी थी कि मैंने सेट पर पहनने के लिये अपनी सबसे फेवरेट साड़ी निकाली। मैंने अपना मेकअप, खाना और सेफ्टी किट भी साथ रख लिया था ताकि मैं पूरी तरह तैयार रहूं और सुरक्षित रह सकूं। इसके बावजूद, सेट पर सैनिटेशन की काफी सुविधाएं थीं। यह एक तरह से घर लौटने जैसा अनुभव महसूस हो रहा था। हमने एक बेहद ही महत्वपूर्ण ट्रैक पर काम किया है और टेलीविजन परदे पर इसका प्रसारण जल्द ही शुरू होने के लिये काफी उत्सुक हैं।
एण्ड टीवी का शो ‘एक महानायक डाॅ.बी.आर आम्बेडकर’ हिन्दी जनरल एंटरटेनमेन्ट क्षेत्र में बाबासाहेब के जीवन पर पहली बार दिखायी जाने वाली कहानी है। स्मृति सुशील कुमार शिंदे के एसओबीओ फिल्म्स द्वारा प्रोड्यूस यह शो बाबासाहेब की एक प्रेरणाादायी कहानी है। इस शो में उनके पांच साल की छोटी-सी उम्र से लेकर भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माता बनने के सफर की कहानी दिखायी गयी है। रश्मि शर्मा टेलीफिल्म्स द्वारा प्रोड्यूस, ‘संतोषी मां सुनाएं व्रत कथाएं’ एक रोचक कहानी है, जिसमें भक्त और भगवान के बीच की एक बिल्कुल विशुद्ध रिश्ते की कहानी को दर्शाया गया है।