(डे लाइफ डेस्क)
मुंबई। टी-सीरीज़ लगातार COVID-19 महामारी के इन परेशान करने वाले दिनों के दौरान भी दर्शकों के लिए म्यूजिक में सर्वश्रेष्ठ लाती रही है। यह म्यूज़िक लेबल अब 'गोविंद बोलो' को जुबिन नौटियाल की आत्मीय आवाज़ में प्रस्तुत कर रहा है, जुबिन इस पुराने कृष्ण भगवान् के गाने में आज के युग की ध्वनि डाल रहे हैं। जुबिन ने हाल ही में फिल्म कबीर सिंह के 'तुझे कितना चाहे और हम' और मरजावां से 'तुम ही आना' सांग की व्यापक सफलता का जश्न मनाया। उन्होंने देश के सबसे बड़े संगीत लेबल के साथ 'मेरी मां' गीत पर सहयोग किया, जो माताओं के लिए मातृ दिवस पर समर्पित एक विशेष गीत है। जुबिन नौटियाल अब हमें 'गोविंद बोलो’ की आधुनिक रूप में जीवंत प्रस्तुति दे रहे हैं, जो भगवान कृष्ण का एक जयगान है। जुबिन ने इससे पहले भगवान गणेश की स्तुति के रूप में 'गणेश' नामक भक्ति गीत को गाया है।
सकारात्मकता और आशा के संदेश का प्रसार करते हुए, 'गोविंद बोलो' को पंकज नारायण के बोल के साथ, राज आशू द्वारा कंपोज्ड और आदित्य देव द्वारा प्रोड्यूस्ड, मिक्स्ड और मैनेज किया गया है। जहां यह गीत अभी बन ही रहा है, लॉक डाउन अवधि के दौरान इस गीत में अंतिम परिवर्तन किए गए थे। गीत के रिलीज़ के लिए इससे बेहतर समय नहीं हो सकता था, क्योंकि मौजूदा वैश्विक महामारी जैसे चुनौतीपूर्ण समय में अध्यात्म के लिए मुड़ना स्वाभाविक है। टी-सीरीज़ के प्रमुख, भूषण कुमार कहते हैं एक कलाकार के रूप में जुबिन नौटियाल की पहचान यह है कि वह अपने म्यूजिक के अंदर बहुत सारी भावनाएं और समर्पण लाते हैं। चाहे वह एक सेड गीत हो या रोमांटिक, अधिकांश गीत जो जुबिन ने गाए हैं उन्हें हर कोई महसूस कर सकता है। इसीलिए 'गोविंद बोलो' उनके लिए एक आदर्श गीत है। इस गीत में बहुत ज्ञान और जीवंतता है और हम इन कठिन समय के दौरान दर्शकों को प्रोत्साहित और सकारात्मकता देना चाहते थे।
इस गीत को स्पेशल क्या बनाता है इस बारे में बात करते हुए जुबिन नौटियाल कहते हैं जब राज आशू ने मुझे गीत भेजा, तो मैं खुद इसे गाता सुन सकता था और मुझे पता था कि इस तरह का एक गीत इस समय की आवश्यकता थी। दुनिया का डिजिटल होने से पहले पहले लोग भक्तिपूर्वक और भावनात्मक रूप से अधिक झुकाव और जुड़े हुए थे। जैसे-जैसे समय आगे बढ़ा, भारतीय संस्कृति की भक्ति और भावनाओं की बहुत सारी प्रामाणिकता खो गई। लॉकडाउन हमें एक देश के रूप में समय दे रहा है, यह तय करने के लिए कि हम यहां से कहां जाना चाहते हैं और भक्ति संगीत हमें याद दिलाता है कि हम कौन हैं, यह हमें अपनी जड़ों तक वापस ले जाते हैं और प्रकाश फैलाते हैं।