कविता
मैं एक आम हिंदुस्तानी हूँ
मेरा एक आम सवाल है
क्या कोरोना गरीबो की बीमारी है?
क्यो उन्ही पे यह विपदा भारी है
किसी के लिए प्लेन की सवारी है
किसी की बेबस पैदल चलने की लाचारी है
कैसा धर्म ,कैसी मानवता कैसी संस्क्रति हमारी है?
क्या यह प्रश्न सिर्फ सरकारी है?
चुनाव आते ही नेताओं की बाढ़ आ जाती है
एक एक घर की गिनती हो जाती है
हद,
फोन करके चुनाव का दिन, तारीख भी बताई जाती है
क्या इन होशियारों की कोई जिम्मेदारी है?
ममता सिंह राठौर