राजस्थान में छह नवगठित नगर निगमों के चुनाव कार्यक्रम घोषित 


नगर निगम हेरिटेज एवं ग्रेटर के आम चुनाव 2020


• सभी निगमों में सदस्यों के चुनाव ईवीएम से करवाए जाएंगे  
• 35 लाख से ज्यादा मतदाता कर सकेंगे मताधिकार का इस्तेमाल
• 15 हजार से ज्यादा कार्मिक लगेंगे चुनाव प्रक्रिया को संपादित करने में
• चुनाव : सदस्य पदों के लिए 5 अप्रेल, महापौर के लिए 16 और उप महापौर के लिए 17 अप्रेल को होंगे 



(डे लाइफ डेस्क)


जयपुर। राजस्थान राज्य निर्वाचन आयोग के चुनाव आयुक्त पीएस मेहरा ने प्रदेश के 6 नवगठित नगर निगमों (जयपुर हैरिटेज, जयपुर ग्रेटर, जोधपुर उत्तर, जोधपुर दक्षिण, कोटा उत्तर और कोटा दक्षिण) के सभी 560 वार्डों में होने वाले चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी। सभी निगमों में सदस्य के पदों के लिए 5 अप्रेल को मतदान और 7 अप्रेल को मतगणना करवाई जाएगी, जबकि महापौर का चुनाव 16 अप्रेल और उप महापौर का चुनाव 17 अप्रेल को करवाया जाएगा। 


चुनाव आयुक्त मेहरा ने बताया कि सदस्य पद के लिए 19 मार्च को लोक सूचना जारी की जाएगी। नामांकन पत्रों को प्रस्तुत करने की अन्तिम तिथि 23 मार्च होगी, नामांकन पत्रों की संवीक्षा 24 मार्च करवाई जाएगी। उम्मीदवार अपना नाम 26 मार्च तक वापस ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि चुनाव चिन्हों का आवंटन 27 मार्च को करवाया जाएगा, जबकि मतदान 5 अप्रेल को सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक करवाया जाएगा। 


मतगणना 7 अप्रेल को सुबह 8 बजे से 


पीएस मेहरा ने बताया कि महापौर पद के लिए 8 अप्रेल को लोक सूचना जारी की जाएगी। नामांकन पत्रों को प्रस्तुत करने की अन्तिम तिथि 9 अप्रेल होगी। नामांकन पत्रों की संवीक्षा 10 अप्रेल को व नाम वापसी की तिथि 13 अप्रेल होगी। चुनाव चिन्हों का आवंटन इसी दिन किया जाएगा। मतदान 16 अप्रेल को होगा प्रातः 10.00 बजे से अपराह्व 2.00 बजे तक होगा जबकि मतगणना मतदान समाप्ति के तुरन्त बाद करवाई जाएगी। इसी तरह उप महापौर के लिए निर्वाचन की तिथि 17 अप्रेल होगी। उपमहापौर के लिए बैठक प्रातः 10 बजे, नामांकन पत्रों का प्रस्तुतिकरण प्रातः 11.00 बजे तक, नामांकन पत्रों की संवीक्षा प्रातः 11.30 बजे से, अभ्यर्थिता वापसी अपरान्ह 2.00 बजे तक और मतदान यदि आवश्यक हुआ तो अपरान्ह 2.30 बजे से 5 बजे तक करवाया जाएगा। मतगणना मतदान समाप्ति के तुरन्त बाद होगी। 


चुनाव आयुक्त ने बताया कि सभी निगमों के मिलाकर कुल 35 लाख 97 हजार 873 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे, इनमें 18 लाख 76 हजार 195 पुरुष, 17 लाख 21 हजार 637 महिला व 41 अन्य श्रेणी के मतदाता हैं। सर्वाधिक मतदाता जयपुर की जयपुर ग्रेटर निगम में हैं, जहां 12 लाख 28 हजार 754 मतदाता (6 लाख 45 हजार 160 पुरुष, 5 लाख 83 हजार 581 महिला व 13 अन्य) हैं। इसी तरह जयपुर हैरिटेज में 9 लाख 32 हजार 807 मतदाता हैं, जिनमें से 4 लाख 91 हजार 581 पुरुष, 4 लाख 41 हजार 211 महिला और 15 अन्य श्रेणी के मतदाता हैं।


उन्होंने बताया कि जोधपुर शहर के जोधपुर उत्तर निगम में कुल 3 लाख 87 हजार 794 मतदाता हैं, जिनमें से 1 लाख 98 हजार 886 पुरुष, 1 लाख 88 हजार 905 महिला व 3 अन्य मतदाता हैं। जोधपुर दक्षिण में 3 लाख 39 हजार 537 मतदाताओं में से 1 लाख 75 हजार 701 पुरुष, 1 लाख 63 हजार 832 महिला व 4 अन्य श्रेणी के मतदाता हैं। इसी तरह कोटा शहर के कोटा उत्तर नगर निगम में कुल 3 लाख 32 हजार 655 मतदाताओं में से 1 लाख 70 हजार 894 पुरुष, 1 लाख 61 हजार 759 महिला व 2 अन्य श्रेणी के मतदाता हैं। कोटा दक्षिण मंण कुल 3 लाख 76 हजार 326 मतदाताओं में 1 लाख 93 हजार 973 पुरुष, 1 लाख 82 हजार 349 महिला व 4 अन्य श्रेणी के मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे।


चुनाव आयुक्त  मेहरा ने बताया कि इन नगर निगमों के सदस्यों के आम चुनाव इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के जरिए कराए जाएंगे। इसी अनुसार आयोग द्वारा सभी जिलों को पर्याप्त मशीनों का आवंटन किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि जिला निर्वाचन अधिकारियों के पास ईवीएम टे्रकिंग के लिए उपलब्ध सॉफ्टवेयर के द्वारा जिला स्तर पर ईवीएम के स्थानान्तरण की ऑन लाइन टे्रकिंग की जा सकेगी। इसके अलावा उक्त सॉॅफ्टवेयर के माध्यम से मतदान के लिए ईवीएम के आवंटन के लिए रेंडमाइजेशन भी किया जाएगा।


15 हजार कार्मिक करवाएंगे चुनाव 


चुनाव आयुक्त ने बताया कि इन सभी 6 नवसृजित नगर निगमों के लिए मतदान, मतगणना अन्य कार्याे के लिए लगभग 15000 कार्मिकों को नियोजित किया जाएगा। मतदान एवं मतगणना दलों के गठन हेतु आयोग द्वारा जिला निर्वाचन अधिकारियों को कार्मिको के रेंडमाइजेशन के लिए सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराया गया है। इस सॉफ्टवेयर के द्वारा मतदान एवं मतगणना दलों का गठन किया जाएगा। मतदान दलों को दो स्तरीय प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा। चुनाव के दौरान कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने एवं शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने के लिए पर्याप्त पुलिस बल भी नियोजित किया जाएगा।


चुनाव प्रक्रिया पर पर्यवेक्षकों की रहेगी पैनी नजर 


नगर निगमों के लिए मतदान, मतगणना अन्य चुनाव संबंधी कार्याे के पर्यवेक्षण के लिए प्रत्येक जिले के लिए आवश्यकतानुसार एक या अधिक पर्यवेक्षकों को नियाजित किया जाएगा। ये पर्यवेक्षक भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ एवं चयनित तथा राजस्थान प्रशासनिक सेवा के सुपर टाईम स्केल या इससे उच्चतर वेतन श्रृंखला के अधिकारी होंगे। 


चुनाव नियन्त्रण कक्ष की स्थापना


आयोग मुख्यालय एवं जिला स्तर पर चुनाव की घोषणा के साथ ही चुनाव कार्य से संबंधित सूचनाओं के आदान-प्रदान एवं आमजन द्वारा भी चुनाव संबंधी किसी भी गतिविधि के बारे में प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही करने के लिए चुनाव नियन्त्रण कक्ष स्थापित कर दिया जाएगा। यह नियन्त्रण कक्ष 24 बाय 7 रात-दिन लगातार कार्य करेगा।


अभ्यर्थियों के लिए चुनाव खर्च सीमा


मेहरा ने बताया कि चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों द्वारा चुनाव के दौरान वाहनों एवं लाउडस्पीकरों के उपयोग, कट आउटों, होर्डिग्स, पोस्टर एवं बैनरों के प्रदर्शन व इनसे संबंधित अन्य गतिविधियों को नियन्त्रण करने के लिए प्रतिबंध अधिरोपित किए गए हैं, जिसकेे अनुसार नगर निगम के सदस्य पद के चुनाव लडने के लिए यह सीमा 2,50,000 रुपए निर्धारित की गई है। इस आदेश में चुनाव के लिए इन मदों पर खर्च की सीमा में वृद्धि की गई है। इससे पूर्व खर्च की सीमा आयोग द्वारा वर्ष 2014 में रूपए 80000 रुपए ही थी। इस खर्च का पूर्ण विवरण परिणामों की घोषणा के 15 दिवस के भीतर विहित प्रारूप में संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी या उसके द्वारा प्राधिकृत अधिकारी को प्रस्तुत करना आवश्यक होगा। उन्होंने बताया कि लाउडस्पीकर के उपयोग के लिए निर्वाचन अधिकारी की लिखित अनुमति प्राप्त करनी आवश्यक होगी एवं इसका प्रयोग रात्रि 10.00 बज से प्रातः 6.00 बजे तक पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। अभ्यर्थियों के लिए निर्वाचन में प्रचार के लिए वाहनों की अधिकतम सीमा निर्धारित की गई है। इस हेतु संबंधित निर्वाचन अधिकारी से वाहन के सम्पूर्ण विवरण के साथ लिखित अनुमति प्राप्त करनी आवश्यक होगी।


घोषणा के साथ ही लागू हुई आदर्श आचरण संहिता


चुनाव आयुक्त ने बताया कि चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही संबंधित नगर निगम क्षेत्रों में आदर्श आचरण संहिता के प्रावधान तुरन्त प्रभाव से लागू हो गए हैं, जो चुनाव प्रक्रिया समाप्ति तक लागू रहेंगे। इसके अनुसार संबंधित नगर निगमों में विभिन्न विभागों के विकास कार्य जिसके कार्यादेश आचार संहिता के प्रभाव में आने से पूर्व ही जारी किए जा चुके है या जो विकास कार्य पूर्व से ही चल रहे हैं, वे सभी आचार संहिता से प्रभावित नहीं होंगे। नई स्कीम, नए विकास कार्य एवं नए कार्यादेश आचार संहिता के लागू होने से पूर्णतया प्रतिबंधित रहेंगे। चुनाव के लिए बडी मात्रा में कार्मिकों आवश्यकता होगी, अतः संबंधित नगर निगम क्षेत्र से होने वाले स्थानान्तरण एवं संबंधित नगर निगम क्षेत्र में किए जाने वाले पदस्थापन या स्थानान्तरण पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। 


मेहरा ने बताया कि नगरपालिका के निर्वाचनों के संचालन का दायित्व राज्य निर्वाचन आयोग में निहित है। राजस्थान नगरपालिका अधिनियम की धारा 19 के अनुसार चुनाव कार्य में नियोजित समस्त कर्मचारी, अधिकारी निर्वाचन के दौरान राज्य निर्वाचन आयोग में प्रतिनियुक्त समझे जाएंगे। यदि चुनाव प्रक्रिया के दौरान किसी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा निर्वाचन से संबंधित अधिरोपित कर्तव्यों का निर्वहन नहीं किया जाता है, तो उसके विरूद्व आयोग द्वारा नियमानुसार कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। उन्होंने सभी राजनैतिक दल, सभी अभ्यर्थी, सभी मतदाताओं एवं मीडिया से आयोग अपील करता है कि शांतिपूर्ण, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मतदान संपन्न कराने में अपना पूरा-पूरा सहयोग प्रदान करें। इस दौरान मुख्य निर्वाचन अधिकारी और सचिव श्यामसिंह राजपुरोहित, उप सचिव अशोक जैन व विभाग के अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।