Mrs. India Queen beauty pageant, Beauty with brain & Mrs. India Inspiration के खिताबों से नवाज़ी गई ज्योत्सना मिश्रा
ख़ास बातचीत : मेघा श्याम
ज्योत्सना मिश्रा अपने काम से ही आज उन्होंने अपने जीवन में कई सफ़लताए हासिल की, फ़िर चाहे वो बच्चों को परवरिश देने जैसी आम सी सफलता हो या जयपुर का नाम पूरे India में उजागर करना हो, 2017 में हुए Mrs India Queen beauty pageant में Beauty with brain और Mrs India Inspiration का खिताब जीतने वाली ज्योत्सना मिश्रा ने इंटरव्यू में अपने जीवन के कुछ खास पलों की यादों को हमसे साझा किया। सरल, सौम्य और दयालु होने के साथ-साथ अपने खूबसूरत जज्बात के साथ अनेक beauty कांटेस्ट में अपनी जगह बनाई। जहां उन्होंने सिद्ध कर दिखाया कि कैसे एक आम शख़्स दुनिया के सामने एक शख्सियत बनकर अपना मक़ाम हासिल करता है। उन्होंने डे लाइफ को खुली बातचीत में बताया कि मेरा सफर अनुशासन और स्टडी से शुरू हुआ और मैं हर चेलेंज को बखूबी पूरा करने का इरादा रखती रही इन सब में ईश्वर और मेरे पेरेंट्स का साथ मिलता रहा। साथ ही शादी के बाद मैं अपने पति के.पी. श्याम का विशेष रूप से मेरे बढ़ते क़दमों को सहयोग करते रहना। मुझे हौसला बढ़ाते रहना बहुत ही मुनासिब रहा।
श्रीमती ज्योत्सना बचपन से ही घर का सारा काम करना उन्हें बखूबी आता था फ़िर चाहे वो कपड़े सिलना हो या खाना बनाना, तीन भाईयों और एक बहन में घर की सबसे छोटी बहन हैं। बहुत ही कम उम्र में जोब लग गयी। राजस्थान पुलिस में हैल्थ विभाग में,उनका सपना था देश की सेवा करना एक सिपाही के रुप में पर वो तो ना हो सका पर जो देश की सेवा करते हैं। उनकी सेवा करके वो अपने आपको बहुत ही भाग्यशाली मानती हैं।
ज्योत्सना मिश्रा ने बताया कि पिताजी आर्मी में थे जिनका देहान्त हो चुका हैं और माँ ग्रहणी है। जिन्हें अपनी बेटी पर बहुत गर्व हैं, जो उनके बेटे ना कर सके उस काम को उनकी बेटी ने कर दिखाया हैं, बचपन से ही घर की परिस्थितियों को सुधारना उनका पहला मक़सद होता था।
ज्योत्सना ने बताया कि मैं अपनी इच्छाओं को देखा करती थी, नौकरी के साथ अपने परिवार को बखुबी सम्भालना साथ ही खुद की मेहनत से घर बनाना उसकी देखरेख करना, उस वक़्त औरतें नौकरी के पेशे में कम और ग्रहणी ज्यादा हुआ करती थी। वही ज्योत्सना ने खुद अपनी मेहनत से नौकरी हासिल की और अपने सपनों को पूरा करना अपना मकसद रखा, जब एक बार beauty pageant का offer उनके पास आया तो जिंदगी ने जैसे अलग रुख ले लिया हो, घर में पति के. पी. श्याम ने पहले तो ज्यादा साथ ना दिया पर बाद में खुद उनका साथ देते रहे। इस प्रतियोगिता के लिये, जहां बेटी मेघा उनका सहारा बनी, जहां पैर डगमगाते वहाँ वो ढाल बनकर खड़ी रहती, साथ ही मेरी माँ कृष्णा मिश्रा ने भी मेरा साथ देते हुए एक पथ प्रदर्शक का काम भी किया। जिंदगी को एक नई उड़ान मिल गयी, ज्योत्सना की मेहनत, लगन, और आत्मविश्वास मेरा सबसे बड़ा हथियार था। जहाँ औरतें वहीँ बच्चों में, घर में अपना जीवन समेट लेती हैं वहीँ ज्योत्सना ने अपने परिवार के साथ जीत हासिल की। लोगों का प्यार, सम्मान, स्नेह बहुत मिला, अपनी उम्र की औरतों के लिये वे एक मिसाल बन गयी। अगर मन में ठान लो तो एक आम औरत भी Mrs India बन सकती हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी काम के लिये किसी खास जादू का होना जरुरी नहीं बल्कि अपना आत्मविश्वास ही काफ़ी हैं।